बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के बारे में कहा कि इस सरकार का पूरा एक साल ‘बर्बाद’ हो गया, लेकिन उन्हें एक ही सकारात्मक बात दिखी कि कैसे एक ‘चाय वाले’ ने प्रधानमंत्री बनने के अपने सपने को पूरा कर लिया।
पटना में चौरसिया समुदाय के समारोह के दौरान एक बच्चे के प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखने पर नीतीश ने नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है तो पान वाला क्यों नहीं। कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है। यह तो खुशी की बात है। अगर उस बच्चे में यह भावना है तो यह भावना सबमें आनी चाहिए। पहले चाहत होगी तभी कोई कुछ प्राप्त कर सकता है और उसके लिए उपक्रम करेगा।
नीतीश ने कहा कि वह उनके काम-काज से संतुष्ट नहीं हैं पर उस एक घटना कि चाय वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है उन्हें भी अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि केंद्र में जो नई सरकार बनी है उसमें उनके लिए कोई खुशी नहीं है, लेकिन एक बात हम भी कभी-कभी मान लेते हैं कि कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है। अगर किसी ने अपने आपको चाय वाले रूप में पेशकर प्रधानमंत्री बन सकता है तो कोई भी उस पद पर आसीन हो सकता है जिसे वे सकारात्मक रूप में लेते हैं।
उन्होंने कहा ‘यही एकमात्र खासियत है, बाकी कुछ नहीं क्योंकि अच्छे दिन किसी के नहीं आए। अच्छे दिन केवल उन्हीं लोगों के आ गए, बाकी अच्छे दिन का इंतजार करते रह जाएंगे।’
लोकसभा चुनाव पूर्व नरेंद्र मोदी के वादे कालाधन विदेशों से लाकर लोगों के बैंक खाते में 15 से 20 लाख रुपये जमा किए जाने का जिक्र करते हुए उतनी बडी राशि की बात छोड़ दीजिए जनधन खाता धारकों को 15 से 20 हजार रुपये दे देते तो मान लेते कि उनके अच्छे दिन आ गए।
नीतीश ने केंद्र की राजग सरकार के एक साल पूरा होने के बारे में कहा कि पूरा एक साल बर्बाद हो गया। केंद्र द्वारा लाए गए भूमि अधिग्रहण बिल की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोगों की जमीन कैसे ली जाए उसमें लोग लगे रह गए।