बिहार में भाजपा की चुनाव प्रचार मुहिम की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां आने के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी से उन चुनावी वादों को लेकर सात सवाल पूछे जो उन्होंने राज्य के लिए किए थे।
नीतीश ने आज सुबह ट्वीट करके कहा कि वह आभारी हैं कि 14 महीने के बाद मोदी को बिहार आने का समय मिल गया। हम उनके द्वारा किए जाने वाले और वादों को सुनने को तैयार हैं पर उनके उन पुराने वादों का क्या हुआ जो उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव के समय किए थे?
नीतीश ने प्रधानमंत्री से पूछा, ‘‘आपने बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने का वादा किया था। 14 महीने बीत गए और जनता अब भी इंतजार कर रही है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा,‘‘14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट और बीआरजीएफ की वापसी से बिहार को पांच वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। क्या यह आपका सहकारिता संघवाद है’।
नीतीश ने प्रधानमंत्री से पूछा, ‘‘आपकी सरकार में देश के कुछ पूंजीपतियों का भला जरूर हुआ लेकिन सब यह जानना चाहते हैं कि देश की जनता का अच्छे दिन आने का इंजजार कब खत्म होगा?’’
उन्होंने पूछा,‘‘जनता को विदेश से काला धन लाने और 15 से 20 लाख रुपये अपने खाते में डाले जाने का इंतजार है। क्या हम उनसे इस बारे में कुछ सुनेंगे?’’
नीतीश ने पूछा, ‘‘पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य पर यूटर्न लिया गया और उसके बाद किसानों की समस्या के प्रति उदासीनता दिखाई गई और अंतत: नया भूमि अधिग्रहण विधेयक लाया गया। क्या आपने किसानों से यही वादा किया था?’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘आपकी सरकार से कुछ ही पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा है लेकिन सभी यह जानना चाहते हैं कि आम आदमी के ‘अच्छे दिन’ कब आएंगे’।
नीतीश ने पूछा, ‘‘आपने 2022 तक सबको घर और घरों में बिजली एवं पानी की सुविधा मुहैया कराने का वादा किया था। आप फंड के आवंटन के बिना और अब तक इस संबंध में किसी भी योजना के बिना ये वादे कैसे पूरे करेंगे?’’
उन्होंने पूछा, ‘‘आपने जन धन योजना का आरंभ ऐसा किया, मानो लोगों के खाते नहीं बल्कि उनकी तकदीर खुल रही है। आज 70 प्रतिशत से अधिक खाते निष्क्रीय हैं और यह किसी को पता नहीं कि इन खातों के माध्यम से देश के सबसे गरीब तबके को बैंकिग व्यवस्था से जोड़कर उनकी मदद किस तरह की जाएगी?’’