‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से इत्तेफाक नहीं रखते। भाजपा और जदयू दोनों मिलकर भले ही बिहार में सरकार चला रहे हैं, लेकिन एक देश एक चुनाव पर दोनों की सहमति नहीं है। नीतीश कुमार का कहना है कि, “इस इलेक्शन में यह संभव नहीं है कि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ किया जाए। वैचारिक रूप से यह सही नहीं है। चुनाव कराने के दौरान काफी संख्या में मतदानकर्मियों की जरूरत होती है। सुरक्षाकर्मियों की आवश्यकता होती है। इसके लिए पूरी तैयारी होती है। देश की भागौलिक स्थित ऐसी है कि वर्तमान में एक साथ दोनों चुनाव कराना संभव नहीं है। ”
Is election mein yeh possible nahi hai ki Lok Sabha aur sabhi Vidhan Sabha ka chunav ek sath kiya jaaye. Yeh sambhav nahi hai. Vyacharik roop se yeh sahi hai: Bihar CM Nitish Kumar on #OneNationOneElection pic.twitter.com/4SPWHg2PuC
— ANI (@ANI) August 14, 2018
वहीं, दूसरी ओर भाजपा एक देश, एक चुनाव पर जोर दे रही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को विधि आयोग को पत्र लिखकर देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने का सुझाव दिया है। विधि आयोग भी इस सुझाव पर विचार कर रहा है। इस बाबत भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का एक देश एक समान चुनाव पर पार्टी की ओर से जो हमारा विचार है, वह पत्र हमनें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बलवीर सिंह चौहान को सौंपा। हमने अपनी पार्टी का विचार रखते हुए कहा कि एक साथ चुनाव कराने से देश में जो प्रशासनिक व्यय होता है और बार-बार चुनाव कराने के कारण जो राजनीतिक अस्थिरता आती है, उसकी समाप्ति होगी। बार-बार आचार संहित लगने से प्रशासनिक कार्यों में न केवल बाधा आती है, बल्कि प्रशासनिक खर्चा भी ज्यादा होता है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @AmitShah जी के पत्र के माध्यम से भाजपा ने देश में समकालिक चुनाव (#OneNationOneElection) कराये जाने के संबंध में अपना दृष्टिकोण विधि आयोग के सामने रखा। https://t.co/0nMAPKKgjY pic.twitter.com/DPL4TbNEAI
— BJP (@BJP4India) August 13, 2018
वहीं, इस पूरे मसले पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि कानून में बदलाव किए बिना एक साथ चुनाव करना संभव नहीं है। लेकिन यदि किश्तों में चुनाव कराया जाना संभव हो सकता है, जैसे कि 11 राज्यों का एक बार। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सभी संबंधित सदन को एक साथ भंग किए जाने पर सहमति बने। सभी एक साथ चुनाव कराने को तैयार हों।
#WATCH: Chief Election Commissioner, OP Rawat, says, “simultaneous polls aren’t possible without amendments in law. But if polls are to be held in installments, like in 11 states at once, possibilities are there if all respective houses agree to dissolve & conduct polls together” pic.twitter.com/d5JU5oHCuO
— ANI (@ANI) August 14, 2018