मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। हालांकि इसमें जदयू के किसी नेता को शामिल नहीं किया गया था। दरअसल भाजपा ने जदयू को एक कैबिनेट सीट देने की पेशकश की थी, लेकिन जदयू इससे संतुष्ट नहीं हुई। इसके बाद जदयू ने सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला किया। अब शुक्रवार को नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘बीजेपी का प्रस्ताव हमें मंजूर नहीं था। नीतीश ने कहा कि सरकार में सांकेतिक भागीदारी की जरुरत नहीं है और यदि भागीदारी हो तो वह सीटों के हिसाब से होनी चाहिए।’ नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी ने किसी मंत्रीपद की मांग नहीं की थी।

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नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि जब उन्हें बताया गया कि जेडीयू को एक मंत्री पद दिया गया है तो मैंने कहा कि हमें इसकी जरुरत नहीं है, बाकी मैं अपनी पार्टी से पूछकर बताऊंगा। इसके बाद मैंने अपनी पार्टी में इस पर चर्चा की और पार्टी नेताओं ने बताया कि यह उपयुक्त नहीं है और हमें सरकार में प्रतीकात्मक भागीदारी दी जा रही है, जबकि यह आनुपातिक होनी चाहिए। नीतीश ने कहा कि हम साथ हैं और इससे नाराज नहीं हैं।

नीतीश कुमार ने कहा कि मैं अखबारों में देख रहा हूं कि हमने 3 सीटों की मांग की थी! यह गलत है, हमने ऐसी कोई मांग नहीं की। बता दें कि जदयू ने सरकार से बाहर रहने का फैसला किया है। नीतीश कुमार मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। बता दें कि बिहार में एनडीए के बीच हुए सीटों के बंटवारे के तहत भाजपा और जदयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, वहीं लोजपा को 6 सीटें दी गई थीं। नतीजों के तहत भाजपा ने सभी 17 सीटों पर, जदयू ने 16 सीटों पर और लोजपा ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की। लोजपा को भी सरकार में एक मंत्री पद मिला है। भाजपा ने जदयू को भी एक सीट का ऑफर दिया, लेकिन जदयू ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया।