मंगलवार को बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण को लेकर प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उनके द्वारा कही गई एक बात पर विधानसभा में बवाल हो गया। विपक्ष के विधायकों ने नीतीश के बयान पर पत्ति जताई है।

दरअसल बिहार विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा, “अगर लड़की पढ़ लेगी… औऱ वो जब शादी होगा लड़का-लड़की में… और वो जो पुरुष है, रोज रात में जब शदिया होता है, उसके साथ करता है न….तो उसी में और पैदा हो जाता है… और लड़की पढ़ लेती है… कि हमको मालूम था कि उ करेगा ठीक है… लेकिन अंतिम में उसको भीतर मत घुसाओ… उसको बाहर कर दो…और करता तो है… तो उसी में… आप समझ लीजिए कि संख्या घट रही है।”

नीतीश कुमार जब ये बातें बिहार विधानसभा में कह रहे थे, तब सत्ता पक्ष के अधिकांश विधायक हंस रहे जबकि महिला विधायकों झेंप गईं। बिहार में बीजेपी की महिला विधायक निक्की हेम्ब्रम ने नीतीश कुमार के बयान पर घोर आपत्ति जताई है।

निक्की हेम्ब्रम बोलीं- मर्यादित तरीके से कह सकते थे सीएम

बीजेपी की विधायक निक्की हेम्ब्रम ने नीतीश कुमार के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नीतीश कुमार जिस बात को कह रहे थे उसे और मर्यादित तरीके से कहा जा सकता था लेकिन महिलाओं को लेकर वह असंवेदनशील हैं। महिलाओं के प्रति उनकी नजर में कोई सम्मान नहीं है।

BJP ने जताई आपत्ति

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, “… ये पूरी तरह सार्थक है कि नीतीश कुमार बीमार हैं। भारत का संविधान ये कहता है कि जो व्यक्ति बीमार है उसे गद्दी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। ये दूर्भाग्यपूर्ण है। कोई न कोई मुख्यमंत्री को गलत दवाई देने का काम कर रहा है… ये जांच का विषय है।”

डिप्टी सीएम क्या बोले

तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर कोई इस बयान का गलत मतलब निकालता है तो ये गलत बात है। मुख्यमंत्री का बयान सेक्स एजुकेशन को लेकर था। जब भी सेक्स एजुकेशन की बात की जाती है तो लोग शर्माते हैं, झिझकते हैं, जिससे बचना चाहिए। इसकी पढ़ाई तो अब स्कूलों में होती है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए व्यावहारिक तौर पर क्या किया जाना चाहिए… इसे गलत तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए।