नीतीश कैबिनेट में बड़ा बदलाव देखने को मिल गया है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से उनका विभाग छीन लिया गया है। इसकी जगह उन्हें गन्ना विभाग दिया गया है। उनकी जगह आलोक कुमार मेहता को ये मंत्रालय सौंप दिया गया है। इसके अलावा ललित यादव को भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री बनाया गया है। अब यहां ये समझना जरूरी है कि जिन मंत्रियों का विभाग बदला गया है, वो सभी आरजेडी कोटे से आते हैं, यानी कि सभी लालू की पार्टी के हैं।
इस समय बिहार में ऐसी चर्चा चल रही है कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों ही पार्टियों के बीच में रिश्ते कुछ तल्ख हो चले हैं। इसके ऊपर नीतीश को लेकर ऐसी खबरें हैं कि फिर एनडीए के साथ जा सकते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने भी कह दिया था कि अगर कोई प्रस्ताव आएगा तो विचार किया जाएगा।
वैसे सबसे बड़ा फेरबदल सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग में किया है। ये बात किसी से नहीं छिपी की चंद्रशेखर पिछले एक महीने से अपने दफ्तर ही नहीं आ रहे थे, उनकी तरफ से शिक्षा मंत्रालय आना छोड़ दिया गया था। उनकी सचिव और दूसरे कुछ अधिकारियों के साथ तनातनी चल रही थी। इसके ऊपर समय-समय पर उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर कुछ विवादित बयान भी दे रखे थे।
अब जानकार मान रहे हैं कि नीतीश कुमार ने उन्हें शिक्षा मंत्रालय से निकालकर जो गन्ना विभाग दिया है, वो उनका डीमोशन है। इसी तरह दूसरे जो अन्य मंत्रियों के विभाग बदले गए हैं, वो भी लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं। वैसे नीतीश के इस फैसले की चर्चा इसलिए भी ज्यादा हो रही है क्योंकि ये राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले लिया गया है।