लोकसभा में कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में शिवपुरी – देवास ‘फोर – लेन’ राजमार्ग के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया । इस पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अपने विभाग की ओर से माफी मांगी। शून्यकाल प्रारंभ होते ही कांग्रेस के मुख्य सचेतक और मध्यप्रदेश के गुना से सांसद सिंधिया ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि वह विशेषाधिकार हनन का नोटिस देना चाहते हैं। सधिया ने कहा कि लोकार्पण कार्यक्रम में गडकरी गए थे। कार्ड (आमंत्रण पत्र) पर मेरा नाम नहीं था। मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के सारे लोगों के नाम थे। इस बारे में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव मैं आपके (लोकसभा अध्यक्ष) के द्वारा दे रहा हूं।
इसपर, सदन में शोरगुल के बीच गडकरी ने कहा, ‘‘पत्रिका (आमंत्रण पत्र) में उनका (सिंधिया का) नाम नहीं था।
यह मेरी जिम्मेदारी है क्योंकि मैं विभाग का मंत्री हूं। ’’ गडकरी ने कहा, ‘‘मैं स्वीकार करता हूं कि एमपी (सांसद) आए या ना आए, उनका नाम (पत्रिका में) रखना चाहिए था। मैं विभाग की ओर से क्षमा मांगता हूं।’’ सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी के साथ यदि इसी ढंग से व्यवहार किया जाएगा, तो यह ठीक नहीं है। गडकरी के जवाब के बाद भी कांग्रेस सदस्य शांत नहीं हुए । ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कांग्रेस के कई सदस्य सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए अपने स्थान पर खड़े हो गए ।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘‘ गडकरी जी ने तुरंत माफी मांगी है। यह उनका बड़प्पन है। यह काफी अच्छी पहल है। ’’ कांग्रेस सदस्यों को शांत रहने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यह पद्धति नहीं है । ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह तरीका ठीक नहीं है। यह बहुत ज्यादा हो रहा है। स्पीकर ने कहा कि यहां पर भी निर्देश हैं कि जहां कहीं भी केंद्र सरकार का कार्यक्रम हो, तो सांसदों को बुलाया जाना चाहिए। अगर नहीं बुलाया जा रहा है, तब मैं कहना चाहती हूं कि बुलाया जाना चाहिए ।
इससे पहले, ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि नितिन गडकरीजी ने माफी मांग ली है । अब इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आपकी संप्रग की सरकार थी, तब आप किस सांसद को बुलाते थे। गौरतलब है कि गडकरी 23 जुलाई के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की थी।