केन्द्र सरकार ने संसद भवन में जानकारी दी है कि National Initiative for School Heads and Teachers Holistic Advancement (NISHTHA) प्रोग्राम के तहत देश में 7 लाख से ज्यादा टीचर्स और हेड टीचर्स को ट्रेनिंग दी गई है। संसद में सांसद जगदंबिका पाल ने NISHTHA कार्यक्रम में अब तक हुई प्रोग्रेस के बारे में सवाल किया था। जिसके जवाब में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने उक्त जानकारी दी।
बता दें कि सरकार ने NISHTHA कार्यक्रम अगस्त 2019 में लॉन्च किया था। इसके तहत सरकार की योजना प्राथमिक स्तर पर देशभर के सभी सरकारी स्कूलों के 42 लाख टीचर्स और हेड टीचर्स को ट्रेनिंग देने की है।
इस योजना में सरकार स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च और ट्रेनिंग (SCERT), डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (DIET) और सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के ब्लॉक रिसोर्स कॉर्डिनेशनेटर्स एंड कलस्टर रिसोर्स कॉर्डिनेटर्स को भी ट्रेनिंग देगी।
निष्ठा प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल, राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों, सीबीएसई, केन्द्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस), नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस), स्कूल प्रिंसीपल और गैर सरकारी संगठनों जैसे केवल्य फाउंडेशन, टाटा ट्रस्ट, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और अरबिंदो सोसाइटी आदि से चर्चा करने के बाद तैयार किया गया है।
सरकार द्वारा ट्रेनिंग देने के लिए 33120 की रिसोर्स पर्सन्स (KRP) और स्टेट रिसोर्स पर्सन्स (एसआरपी) ट्रेनिंग दी गई है। इन केआरपी और एसआरपी की केन्द्र शासित प्रदेशों और राज्य सरकारों द्वारा पहचान की गई है।
इन केआरपी और एसआरपी को 120 नेशनल रिसोर्स पर्सन्स द्वारा ट्रेनिंग दी गई है, जिनकी पहचान एनसीआरटी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, सीबीएसई और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा की गई थी।
अभी तक सरकार 21224 की रिसोर्स पर्सन्स को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना देश के अधिकतर राज्यों में शुरू हो चुकी है और लाखों टीचर्स को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है, लेकिन पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और केरल में अभी तक इस कार्यक्रम की शुरूआत नहीं हो सकी है।