15 वर्षीय निहाल श्रिनिवास बिटला ने मंगलवार को तेलंगाना के करीमनगर शहर के एक हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। निहाल बेहद कम पाए जानी वाली बिमारी प्रोजेरिया से पीड़ित था। प्रोजेरिया में बच्चे अपनी उम्र से आठ गुना तेजी से बढ़ती है जिसके कारण वो सामान्य से काफी कम उम्र ही जी पाते हैं।

इस बिमारी से पीड़ित बच्चे ज्यादातर दिल का दौरा पड़ने से मरते हैं। निहाल ने इस बिमारी की जागरूकता फैलाने के लिए काफी काम किया था। निहाल प्रोजेरिया रिसर्च फाउंडेशन कैंपेन का चेहरा था। यह कैंपेन देश में इस बिमारी से पीड़ित बच्चों को तलाश करके उनका इलाज करता है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में इस समय 124 बच्चे इसी बिमारी से पीड़ित हैं। यह बीमारी 40 लाख में से किसी एक को होती है। प्रोजेरिया या हचिंसन-गिल्फोर्ड प्रोजेरिया जिससे निहाल पीड़ित था इसमें बच्चें अपनी उम्र से कई गुणा अधिक बड़े दिखने लगते हैं। ऐसे बच्चों की दिल का दौरा पड़ने से समय से पहले मौत होने के बहुत मामले दिखते हैं ।

वैसे निहाल भिवंडी का रहने वाला था और अपने परिवार के साथ तेलंगाना एक शादी में शामिल होने आया था। निहाल को वहां डिहाइड्रेशन की शिकायत हुई। जब उसे एक लोकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। चेक अप के बाद डॉक्टर को पता चला कि निहाल के आंतरिक हिस्से में, धमनियों में दिक्कत है। इसी समस्या के चलते निहाल की मौत हो गई। 2014 में निहाल को तीन वर्षीय ईशान प्रोगेरिया के पीड़ित एक दूसर बच्चे के साथ इलाज के लिए बोस्टन अमेरिका भी भेजा गया था।