पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नवेद याकूब का मंगलवार को लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ। परीक्षण का विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है। एनआइए ने नवेद के डीएनए और आवाज के नमूने भी लिए। अपने भारतीय संपर्कों और भारत में घुसने के लिए अपनाए गए मार्ग के बारे में विरोधाभासी और भ्रामक बयान देने के कारण उसे झूठ पकड़ने की मशीन से गुजारा गया। इसके लिए नवेद ने लिखित में अपनी मंजूरी दी थी।
अदालत के आदेश पर नवेद को मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा में यहां के सीजीओ कंप्लेक्स स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला लाया गया। पॉलीग्राफ टेस्ट करने से पहले उसे कुछ समय के लिए एकांत में रखा गया। जानकार सूत्रों के मुताबिक परीक्षण के दौरान उससे पूछा गया कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के दौरान उसके साथ कितने लोग थे और राज्य में दो महीने तक ठहरने के दौरान वह किन-किन लोगों से मिला और किनके साथ रहा। सूत्रों ने बताया कि गुप्तचर ब्यूरो सहित विभिन्न सुरक्षा व खुफिया एजंसियों के अधिकारी परीक्षण के दौरान मौजूद थे। परीक्षण के विस्तृत विश्लेषण की प्रतीक्षा है।
इस बीच राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) ने लश्कर-ए-तैयबा के उन दो आतंकवादियों के स्केच जारी किए, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने नवेद के साथ जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग सेक्टर में घुसपैठ की थी। आतंकवाद रोधी एजंसी ने इनके बारे में सूचना देने वाले को पांच लाख का इनाम देने की भी घोषणा की जिससे इन आतंकियों की गिरफ्तारी संभव हो सके। इन दोनों आतंकियों की पहचान जरगाम उर्फ मोहम्मद भाई (38-40) और अबू ओकाशा (17-18) के तौर पर हुई है।
एनआइए सूत्रों ने बताया कि नवेद आतंकवादियों की संख्या, भारत में घुसपैठ के लिए अपनाए गए मार्ग और जम्मू-कश्मीर में किन-किन लोगों के संपर्क में आया, इस बारे में विरोधाभासी बयान दे रहा था। जिस वाहन से वे आए थे, नवेद ने उसकी नंबर प्लेट के बारे में भी गलत सूचना दी थी।
उधमपुर जिले में पांच अगस्त को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की बस पर हुए हमले के बाद नवेद को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया था। इस हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए थे। नवेद का साथी आतंकी मोहम्मद नोमान उर्फ मोमिन भी बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मारा गया था।
एनआइए सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के फैसलाबाद से ताल्लुक रखने वाले आतंकी नवेद के डीएनए नमूने उसकी राष्ट्रीयता साबित करने में मददगार हो सकते हैं। पाकिस्तान कहता रहा है कि नवेद वहां का नागरिक नहीं है। पिछले हफ्ते जम्मू से लाए जाने से पहले नवेद का सामना विभिन्न जेलों में बंद फैसलाबाद से ताल्लुक रखने वाले आतंकियों से कराया गया था। इसके बाद जांचकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि नवेद इस बारे में झूठ नहीं बोल रहा कि वह कहां से ताल्लुक रखता है।