राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। कोटा के सरकारी अस्पताल में दो और बच्चों की मौत के बाद मरने वाले नवजातों की कुल संख्या 106 होगी है। बच्चों की मौत को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है।
NHRC ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव से चार हफ्तों के अंदर विस्तार से रिपोर्ट मांगी है और मामले को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं और भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिए क्या बंदोबस्त किए गए हैं इस पर भी रिपोर्ट मांगी गई है। नोटिस में कहा गया है कि भविष्य में मेडिकल सुविधा के आभाव में बच्चों की मौत नहीं होनी चाहिए।इसी बीच, गहलोत सरकार ने बच्चों की मौत के लिए अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टर्स पर दोष मढ़ा है।
राज्य सरकार में कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने कहा, ‘हमारा मानना है कि मौतों को नियंत्रित करना अस्पताल, डॉक्टरों और नर्सों की जिम्मेदारी है। क्या परेशानी है। उपकरणों की कमी है तो आपको खरीदना चाहिए था। इसे खरीदने के लिए आपके पास लगभग 6 करोड़ थे और इतने उपकरणों की तो जरूरत भी नहीं थी।’
#WATCH Pratap Singh, Dist Incharge Min, Kota: We believe that it’s the responsibility of the hospital,doctors&nurses to control the deaths. If there was lack of equipment, then you should have bought it. You have around Rs. 6 cr with you. Itne equipment ki toh zarurat hi ni hai. pic.twitter.com/FfAc93saN4
— ANI (@ANI) January 3, 2020
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