NGO Buniyad Betiyan Anmol Foundation: छत्तीसगढ़ में महिलाओं के समूह ने सराहनीय पहल शुरू की है। बुनियाद बेटी अनमोल फाउंडेशन की महिलाएं लावारिस लाशों को कंधा देकर उनका अंतिम संस्कार कर रही हैं। चार बहनों ने मिलकर यह सराहनीय पहल शुरू की है। यही नहीं यह फाउंडेशन गरीब परिवारों के लोगों की भी अंतिम संस्कार में मदद करेगा।

फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. निम्मी चौबे का कहना है कि हम हमेशा से जरूरतमंदों की मदद करना चाहते थे।हमें यह महसूस हुआ जिनका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं हैं उनकों हमारी सबसे ज्यादा जरूरत है। इतना तो कम से कम हम कर ही सकते हैं ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके। यह पहले अपने आप में इसलिए भी खास है क्योंकि लाश को कंधा पुरुष ही देते आए हैं। ऐसा कम ही होता है जब महिलाएं लाश को कंधा देती हों। ऐसे में  बुनियाद बेटी अनमोल फाउंडेशन की महिलाएं खुद लावारिस लाशों को कंधा दे रही हैं और उनका अंतिम संस्कार भी कर रही हैं।

निम्मी चौबे ने  बताया कि पिछले बुधवार को आमानाका थाना, मंदिर हसौद और मौदहापारा से सूचना मिली की 7 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करना है। डॉ. अंबेडकर अस्पताल में तीन शवों का ही पोस्टमार्टम हो पाया। तीनों शवों का पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बाकी चार शवों का अंतिम संस्कार गुरुवार को शहर के कोटा स्थित श्मशानघाट पर किया गया। बुनियाद बेटी अनमोल फाउंडेशन की उपाध्यक्ष डॉ.शोभना तिवारी, सचिव एकता शर्मा, संरक्षक प्रतिभा चौबे, धनश्री चौबे मुख्य रूप से सहयोगी हैं।