देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 12 साल पहले 26 नंवबर, 2008 को हुए आतंकी हमले से जुड़े डिबेट शो में एंकर और पैनलिस्ट आपस में भिड़ गए। दोनों ने आंतकी हमले में शहीद हुए जांबाजों के नाम पर एक दूसरे पर खूब निशाना साधा। दरअसल टीवी चैनल न्यूज18 इंडिया के डिबेट शो ‘आर आर’ में एंकर अमिश देवगन आंतकी हमले पर बोल रहे थे। उन्होंने पैनलिस्ट तसलीम रहमानी से सवालिया अंदाज में पूछा कि देश में ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कालित जिंदा हैं’ जैसे नारे लगते हैं, जबकि नारे ‘तुकाराम हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ लगाने चाहिए। आतंकी हमले में शहीद तुकाराम ओंबले ने आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ा था।
अमिश देवगन की इस टिप्पणी पर एमपीसीआई के अध्यक्ष रहमानी भड़क गए। उन्होंने कहा कि 26/11 आतंकी हमले को नाकाम बनाने वाले हीरो शहीद हेमंत करकरे का नाम उनकी जबान पर नहीं आया। खुद पीएम मोदी की जबान पर उनका नाम नहीं आया। क्या उन्हें इसके लिए शर्म नहीं आती? उन्होंने कहा कि जब हम इस आतंकी हमले को याद करते हैं तो हमें उन हीरो को भी सलाम करना चाहिए जो असल में हीरो हैं। उन्हें आज तक शहीद का दर्जा नहीं दिया गया। आपको (एंकर) हेमंत करकरे का नाम लेने में शर्म क्यों आती है।
इसके जवाब में अमिष देवगन ने करीब साल 72 साले पुरानी घटना का जिक्र कर रहमानी से पूछा कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी को किसने गोली मारी? उन्हें नाथूराम गोडसे ने गोली मारी और उसने घृणित और गलत काम किया था। देवगन ने फिर पूछा बताइए गुरु तेग बहादुर का गला किसने काटा? उनका गला औरंगजेब ने काटा था। मगर ये नाम उनकी जबान पर नहीं आएगा। ये बात ना पढ़ाई जाएगी और ना बताई जाएगी।
बाद में एमपीसीआई के अध्यक्ष ने उन्हें 26/11 के हमले को लौटने को कहा था एंकर ने कहा कि नामों की बात शुरू हुई है तो ये दूर तक जाएगी। ये अमिश देवगन का शो है। यहां पर मैं इतिहास के सारे तथ्य लेकर बैठता हूं।