उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का वक़्त बचा है। ऐसे में सभी पार्टियों ने कमर कस ली है और तैयारी में जुट गईं हैं। इसको लेकर ‘न्यूज़ 18 इंडिया’ के शो ‘आर-पार’ में एक डिबेट हो रही थी। इस दौरान समाजवादी पार्टी (SP) के अबु आज़मी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) के वारिस पठान एक दूसरे से भिड़ गए और दोनों के बीच तीखी बहस देखने को मिली।

डिबेट के दौरान अबु आज़मी ने कहा “कहा राजा भोज कहा गंगू तेली, समाजवादी पार्टी एक बड़ी पार्टी है। ये जुम्मा-जुम्मा 8 दिन की पार्टी है। आज आए हैं 2014 के बाद पूरे देश में। इनकी पार्टी 100 साल की पार्टी है। लेकिन इन लोगों ने हमेशा 8 सीट लड़ी हैं और आगे कहीं नहीं गए। जब सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा 85% हिंदुओं को इकट्ठा करो और तो ये 15% मुसलमानों के वोट को बांटने निकले हैं। आप समाजवादी पार्टी का क्या मुक़ाबला करोगे।”

इसपर वारिस पठान ने कहा “हमारे महाराष्ट्र में 8 विधायक हैं। आपके सारे नेता बीजेपी की गोद में जाकर बैठे हैं। हम हमारी लड़ाई लड़ रहे हैं। अबु आज़मी साहब मेरे एक सवाल का जवाब दो, क्या आप नहीं चाहते कि कोई मुसलमान यूपी का डिप्टी सीएम बने?

इसपर अबु आज़मी ने कहा कि आप यूपी में क्यों स्पीड ब्रेकरबन रहे हैं ? तो वारिस पठान ने कहा “हलवा हम खाएंगे, तुमको रास्ता दिखाएंगे। साइकल को पंचर करेंगे, यूपी में पतंग उड़ाएंगे।” इसपर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा “ये सारी लड़ाई हिन्दू-मुस्लिम तुष्टिकरण और वोट के लिए है।”

भाजपा नेता ने कहा “सपा कहती है हमारे पास एमवाई फैक्टर है। मुस्लिम यादव फैक्टर है। वहीं मायावती कहती हैं हमारे पास डीएम फैक्टर है। दलित मुस्लिम फैक्टर। अब ये आ गए हैं बड़े वाले साहब ओवैसी जी ये कहते हैं मेरे पास एम एम एम एम एम फैक्टर है। सारा एम तो ये ले गए, अब कैसे करेंगे ये।”

बता दें एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हालही में कहा है कि 2022 में अपनी हिस्सेदारी के लिए विधानसभा पहुंचना है। मजलूमों को तालीम, अस्पताल और उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि बिहार की कामयाबी के बाद यूपी में भी मजलिस का संकल्प मोर्चा कामयाब होगा।

ओवैसी ने समर्थकों के बीच आगे कहा कि अब हम वोट सिर्फ पार्टी के लिए डालेंगे। किसी के टुकड़े पर नहीं जीना है. हम लोग इस सर्कस के नमूने नहीं हैं। अब हम अपने इशारों पर उन्हें नचाएंगे। उन्होंने कहा, ”यूपी में योगी आदित्यनाथ का मुकाबला उन यतीमों से होगा, जिन्होंने अपनों को खोया है। मीडिया चाहता है कि योगी के सामने ओवैसी का चेहरा रखा जाए। ओवैसी नई आवाज का प्रतीक हैं।”