नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध किया जा रहा है। गुरुवार को प्रदर्शन में शामिल तीन लोगों की पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में मौत हो गई। इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी – हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
वहीं मुस्लिम धर्म के लोगों को इस बिल में जगह न देने पर मुस्लिमों से खासी नाराजगी बताई जा रही है। इसी का विरोध करते हुए लोकसभा में एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल को फाड़ दिया। बिल पर जारी तमात हलचल को लेकर एक न्यूज चैनल के लाइव डिबेट शो में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, मुस्लिम स्कॉलर शोएब जमई और और ब्रिक्स संस्थापक निशांत वर्मा के बीच जमकर बहस हुई। इस दौरान निशांत वर्मा और शोएब जमई ने नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी को ‘ओवैसी स्टाइल’ में फाड़ दिया।
दरअसल डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता बिल की फायदों को गिना रहे थे। इस दौरान शोएब जमई लगातार बिल का विरोध कर रहे थे। उनका विरोध इतना ज्यादा बढ़ गया कि उन्होंने बिल की कॉपी ही फाड़ डाली। वह बिल फाड़ते हुए कहते हैं ‘इन्हें बिल फाड़ने पर प्रॉब्लम हुई है न। इनके मुंह पर बिल फाड़ा गया तो इन्हें प्रॉब्लम हुई न। तो मैं भी इसे प्यार से फाड़ता हूं। मैंने इस बिल को बेहद प्यार से फाड़ा है अब तो आपको कोई दिक्कत नहीं है न।’
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गद्दार बोलने को लेकर संबित पात्रा और निशान्त वर्मा में हुई जोरदार बहस @AMISHDEVGAN pic.twitter.com/qpkFcwd3DV— News18 India (@News18India) December 12, 2019
वहीं इस बीच पैनल में शामिल निशांत वर्मा बीच में कूद पड़ते हैं। वह कहते हैं ‘हमें काले कानून नहीं मंजूर। आप लोगों (शरणार्थियों) को स्वागत है लेकिन काले कानून नहीं मंजूर।’ जमई और वर्मा के इतना कहते ही पात्रा पलटवार करते हुए कहते हैं ‘बिल फाड़ने से यह कानून बनने से रुक नहीं जाएगा क्योंकि यह संसद में पारित हो चुका है। ऐसा कीजिए इनको और 20-30 कॉपी दीजिए ताकि ये लोग बिल फाड़ते रहे। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से डील करूं या इन दोनों गद्दारों से डील करूं।’
बीजेपी प्रवक्ता के इतना कहते ही निशांत वर्मा भड़क उठते हैं। वह बिल की कॉपी फाड़ते हुए कहते हैं ‘गद्दार किसको बोला। ये हमेशा गद्दार बोलकर बच जाते हैं इन्हें माफी मांगनी होगी। नहीं तो तू तड़ाके की भाषा का इस्तेमाल किया जाएगा।’ देखिए डिबेट में आगे क्या हुआ:-