भड़काऊ बयानों को देश में इन दिनों राजनीतिक माहौल गर्म है। दिल्ली पुलिस की ओर से बुधवार को भड़काऊ बयानों को लेकर दो एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें एक एफआईआर नूपुर शर्मा के खिलाफ जबकि दूसरी एफआईआर में एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी समेत 32 लोगों का नाम शामिल किया गया है। इसी मुद्दे पर न्यूज 18 इंडिया पर एक डिबेट आयोजित की गई, जिसमें एआईएमआईएम के नेता दानिश कुरैशी ने भड़काऊ बयानों के मामले में सरकार बैलेंस तरीके के कारवाई नहीं कर रही है।
कुरैशी के बयान पर पैनलिस्ट अविनजेश अवस्थी ने सवाल उठाते हुए कहा कि “मैं कुरैशी से एक सवाल पूछना चाहता हूं कि वाराणसी में बम धमाके करने वाले वली उल्लाह को कितने साल में सजा मिली। एक समय उनके आरोप वापस लेने के लिए समाजवादी पार्टी कोर्ट पहुंच गई थी कि एक निर्दोष व्यक्ति है।” अवस्थी ने कहा कि “आपने अभी कहा कि आप पर एफआईआर इसलिए हुई है कि आप अल्पसंख्यक है।”
आगे उन्होंने कहा कि “मैं आपसे बस इतना कहना चाहता हूं कि ये सब नाटक छोड़ दीजिए। भारत के दो क्रिकेटर अजुद्द्दीन और श्रीसंत पकड़े गए थे। मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि उन्हें केवल इसलिए पकड़ा गया कि वे अल्पसंख्यक हैं जबकि श्रीसंत ने ऐसा कोई भी बहाना नहीं बनाया था।” आगे दानिश से पूछा कि “शिवलिंग का जिस तरह से मजाक उड़ाया गया। आपके हिसाब से क्या सजा होनी चाहिए। मजाक उड़ाने वालों में आपका भी नाम शामिल था। हम सभी को एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करना होगा। आप मजाक उड़ाकर ऐसे ही चले जाएगे, ये अब नहीं चलेगा।”
वहीं, शिवलिंग मजाक उड़ाने को लेकर कुरैशी ने कहा कि मामला अभी कोर्ट में है। मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। एक अन्य पैनलिस्ट बैलेंस होने की बात कहा कि , आतंकी-चोर की मां ने कभी माना है कि उसका आतंकवादी है। अगर कानून की नजर में वह व्यक्ति गलत है तो इस बात से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है कि उसका समाज और उसके लोग क्या सोचते हैं।
भड़काऊ बयानों को लेकर दिल्ली पुलिस एक्शन में दिखाई दे रही है। एफआईआर दर्ज करने पर दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि सभी आरोपी कथित रूप से नफरत के संदेश फैला रहे थे, विभिन्न समूहों को उकसा रहे थे और ऐसी स्थिति पैदा कर रहे थे, जो शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक है।