अब चार साल के बच्चे को बाइक पर बिठाकर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी दौड़ाना लोगों को काफी महंगा पड़ने वाला है। इस तरह के कार्य को नए रूल के अनुसार ट्रैफिक कानून का उल्लघंन माना जाएगा और चालान भी काटा जाएगा।
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में सड़क परिवहन मंत्रालय ने इससे संबंधित नया कानून लागू किया है। सरकार बाइक पर पीछे बैठे बच्चों के लिए ये सुरक्षा उपाय करने में लगी है। इस संबंध में, यह कानून लाया गया है, जिसमें 0 से चार वर्ष की आयु के बच्चे को ले जाने के लिए सुरक्षा कवच अनिवार्य है। बच्चों को क्रैश हेलमेट भी पहनाना होगा।
ट्रैफिक कानून के अनुसार अगर चार साल के ज्यादा उम्र का बच्चा बाइक पर बैठा है तो उसे सवारी माना जाएगा, यानि कि अगर दो लोगों के साथ एक बच्चा बैठा तो बाइक पर ट्रिपलिंग मानी जाएगी और चालान काट दिया जाए। इस कानून को तोड़ने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा एक आदमी और एक बच्चा बैठा है तो सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखना पड़ेगा। नहीं तो इसके उल्लघंन पर भी जुर्माना भरना पड़ जाएगा।
सड़क मंत्रालय ने यह कानून दुर्घटनाओं के दौरान बच्चों की बढ़ती मौतों के आंकड़े को ध्यान में रखकर लाया है। ताकि बाइक पर बैठने के दौरान बच्चों को पूरी सुरक्षा मिल सके और उनकी जान भी बचाई जा सके। इसके अलावा, बाइक सवार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अगर उसके साथ बच्चा बैठा है तो वो 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा की स्पीड पर गाड़ी नहीं चला सकते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर उन्हें कानून के मुताबिक सजा मिलेगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के परिवहन अनुसंधान विंग के अनुसार 2019 में सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 11,168 बच्चों की मौत हुई थी, यानी हर दिन 31 बच्चों की मौत हुई। 2018 की तुलना में बच्चों की मृत्यु में 11.94 प्रतिशत या 1,191 की वृद्धि हुई है। चिंताजनक आंकड़ों ने सरकार को यह कदम उठाने और सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है।