आस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने 1306 पैर वाले एक दुर्लभ जीव को खोज निकाला है। यह एक तरह का सहस्त्रपाद (मिलीपीड) है। एक हजार से ज्यादा पैरों वाला यह दुनिया का इकलौता जीव है। इसे धरती में दो सौ फीट नीचे खोजा गया है। यह 95.7 मिलीमीटर लंबा और एक यूएसबी केबल जितना पतला है। विशेषज्ञों ने इस जीव को ‘यूमिलीप्स पर्सेफोन’ नाम दिया है। यह प्रजाति 40 करोड़ साल पहले भी धरती पर पाई जाती थी।

पर्सेफोन से पहले सबसे ज्यादा पैरों वाला जीव कैलिफोर्निया में मिला था। इसके 750 पैर थे। वह भी सहस्त्रपाद (मिलीपीड) ही था। इसका नाम ‘इलैक्मे प्लेनिपेस’ है। उसे 1980 में पहली बार देखा गया था। गोजर की एक और प्रजाति मिली, जिसके 414 पैर हैं। यह अपने इन पैरों में से चार को बड़ी आसानी से अपने लिंग में तब्दील कर लेता है। इस कीड़े का नाम है ‘इलैक्मे टोबिनी’। इस गोजर को स्पेन के सेक्यूआ नैशनल पार्क की गुफाओं में पाया गया। इसे सहस्त्रपाद परिवार के इलैक्मे पेनिपेस की दूसरी प्रजाति कहा जा रहा है, जिसके 750 पैर होते हैं और सभी कीड़ों के मुकाबले सबसे ज्यादा जोड़ होते हैं। देखने में ये दोनों जीव एक जैसे लगते हैं, दोनों सिल्क पैदा करते हैं, लेकिन टोबिनी के चार लिंग होते हैं। यही बात उसे पेनिपेस से अलग करती है। इस जीव की एक और खास बात यह है कि इसकी आंखें नहीं हैं।

वर्जीनियाटेक के एंटमालजी विभाग में सहायत प्रोफेसर पाल मारेक ने कहा, ‘मैं सोच भी नहीं सकता था कि इस ग्रह पर इतने पैरों वाला कोई और जीव महज 150 मील दूर स्थित गुफा में मिलेगा।’ इस जीव की खोज केव जैव विज्ञानी डा. जीन रेका ने की। मिलीपीड का शाब्दिक अर्थ हजार पैर वाला यानी सहस्त्रपाद होता है। हालांकि, यूमिलीप्स पर्सेफोन ऐसा पहला मिलीपीड है, जिसके 1000 या उससे ज्यादा पैर हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, पर्सेफोन शब्द को ग्रीक दंतकथाओं से लिया गया है। इसका मतलब ‘अंधेरी दुनिया की रानी’ होता है। जमीन के अंदर रहने वाले कई जीवों की तरह मिलीपीड की भी आंखें नहीं होतीं। ये रंगहीन होते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि मिलीपीड फंगस का भोजन करते हैं।

हाल की खोज के दौरान पश्चिमी आस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों को दो मादा और दो नर सहस्त्रपाद मिले हैं। मादा सहस्त्रपाद के पैरों की संख्या 1306 और 998 थी। जबकि, नर सहस्त्रपाद के 818 और 778 पैर थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये सहस्त्रपाद सबसे पहले 40 करोड़ साल पहले पाए गए थे। आज इनकी प्रजातियों की संख्या 13,000 है। यूमिलीप्स पर्सेफोन एक पीला और बिना आंखों वाला गोजर है। इस जीव की लंबाई इसकी चौड़ाई से करीब 100 गुना अधिक है। इस जीव का सिर आइसक्रीम के कोन की तरह है जिस पर बहुत सारे एंटीना हैं।

ये एंटीना इसको अंधेरे में चलने फिरने में मदद करते हैं। पर्सेफोन ऐसी दुनिया में रहता है, जहां न तो रोशनी है और न ही पर्याप्त खाना। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस जीव को यदि धरती के नीचे जिंदा रहना है तो इतने सारे पैर होना जरूरी हैं। सहस्त्रपाद की लंबाई और छोटे-छोटे पैर उसकी गतिविधियों को आसान और लचीला बनाते हैं। चूंकि धरती के नीचे मिले इन सहस्त्रपाद को खाने की कमी होती है, इनके शरीर के बाकी अंगों का विकास नहीं हो पाता है। वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी के एक कीट विज्ञानी और इस प्रजाति की खोज से जुड़ा शोध पत्र लिखने वाले पाल मारेक का कहना है कि मिलीपेड यानी सहस्त्रपाद शब्द ही गलत है। शोध पत्र में उन्होंने लिखा है कि दुनिया में गोजरों की कई ऐसी प्रजातियां हैं, जिनके पैर शायद 100 से भी कम हैं।