अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) से ताल्लुक रखने वाली बलात्कार और सामूहिक बलात्कार पीड़ित महिलाओं को अब 5 लाख और 8.5 लाख रूपए तक की सहायता राशि मिलेगी। साथ ही अन्य प्रकार के गंभीर अत्याचार झेलने वाली महिलाओं को मुकदमे की सुनवायी पूरी होने पर सहायता राशि दी जाएगी, भले ही मामले में किसी को दोषी ठहराया गया हो या नहीं।
सरकार की ओर से SC-ST अधिनियम, 2016 में SC-ST महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की परिभाषा में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार शब्दों को विशेष रूप से शामिल किया गया है ताकि उन्हें अधिनियम के तहत राहत मिल सके।
नए कानून के तहत पीड़ित को मिलने वाली राहत राशि की लिमिट 75,000 हजार से लेकर 7.5 लाख रूपए कर दी गयी है जो पहले 85,000 रूपए से लेकर 8.5 लाख रूपए थी । नए कानून के अनुसार, SC-ST महिलाओं के साथ हुए किसी भी अत्याचार की जांच और मामले में आरोपपत्र दायर करने की प्रक्रिया घटना होने के 60 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। इससे पहले आरोपपत्र दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं थी, हालांकि जांच 30 दिनों के भीतर पूरी करने की अनिवार्यता थी।