देश की नई संसद में 5 हजार से ज्यादा कालकृतियों को उकेरा गया है। सदन के अगले फेज के आर्टवर्क की तैयारियां भी शुरू की जा रही हैं, जिसमें देश के स्वतंत्रता आंदोलन और भारत की परंपरा को ध्यान में रखा जाएगा। नए आर्टवर्क का डिजाइन और प्रस्ताव तैयार हैं, जिसके क्रियान्वयन में एक और साल लग सकता है। अगले चरण में डाइनिंग हॉल को सजाने के लिए कलाकृति के अलावा लगभग आठ नई गैलरी बनाई जाएंगी, जो लोकसभा और राज्यसभा फोयर के बीच समान रूप से विभाजित हैं।
जानिए फेज 2 में क्या-क्या बनाया जाएगा
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पहली मंजिल पर दो गैलरी होंगी, इनमें से एक पर देश के विकास में महिलाओं के योगदान और दूसरी गैलरी में स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी नेताओं के योगदान को दर्शाया जाएगा। इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फोर आर्ट्स (IGNCA) के मेंबर-सेक्रेटरी सचिदानंद जोशी ने बताया कि लोकसभा फोयर के ऊपरी भूतल पर साल 1857 से पहले भारत की सम्मान की लड़ाई को समर्पित एक गैलरी बनाई जाएगी। इसके अलावा एक और गैलरी बनाई जाएगी, जो स्वतंत्रता संग्राम (1857 से 1947) पर प्रकाश डालेगी। आईजीएनसीए संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में इस परियोजना को क्रियान्वित करेगा।
जोशी ने कहा कि राज्यसभा फोयर में कुल 4 गैलरी बनाई जाएंगी, जिसमें से दो गैलरी अपर ग्राउंड फ्लोर पर बनेंगी और दो गैलरी फर्स्ट फ्लोर पर होंगी, जिन्हें भारतीय परंपराओं और प्रकृति एवं पारंपरिक खेलों से भारतीयों के कनेक्शन को दिखाया जाएगा। बाकी दीवारों पर श्लोक और अन्य पवित्र प्रतीकों को उकेरा जाएगा।
जोशी ने बताया कि उन्हें फरवरी, 2022 में आर्टवर्क के फर्स्ट फेज का ठेका मिला था, जिसे उन्हें एक साल में पूरा करने के लिए कहा गया था। उन्होंने बताया कि उन्हें भारत के मूल विचारों को ध्यान में रखकर डिजाइन करने को कहा गया था और भारत की सभ्यता को नई संसद के डिजाइन में प्रदर्शित करने के लिए कहा गया।
उन्हें यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि भारत के सभी क्षेत्रों और राज्यों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले। जोशी ने कहा, सेंट्रल फोयर की एक दीवार का नाम जन जननी जन्मभूमि है, जिसमें 75 महिला कारीगरों ने 28 राज्यों और आठ केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हुए शिल्प बनाए थे।
शिल्प दीर्घा नाम की एक और गैलरी में देशभर के 400 कारीगरों से प्राप्त 250 से अधिक क्राफ्ट्स के टुकड़े बने हुए हैं। भारतीय परंपराओं और दिग्गज कलाकारों का प्रतिनिधित्व करने का भी प्रयास किया गया। लोकसभा की दीवार पर समुद्र मंथन को दिखाया गया है, जो लोक कल्याण के लिए विचारों के मंथन का प्रतीक है। नई संसद के निर्माण में 1,200 करोड़ रुपये की लागत आई है।