भारत के नए सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत सोशल मीडिया कंपनियों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दिशानिर्देशों के मुताबिक नियुक्तियों और सोशल मीडिया पोस्ट पर नजर रखने जैसे कदम उठाए हैं। अपनी अनुपालना रिपोर्ट जारी करनी शुरू की है। विभिन्न माइक्रोब्लॉगिंग साइट्स या सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा पोस्ट पर कार्रवाई की है। कंपनियों को शिकायतें भी खूब मिली हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, कू और गूगल ने कुछ दिनों पहले अपनी अनुपालना रिपोर्ट (कंप्लायंस रिपोर्ट) जारी की। इसके बाद से ट्विटर पर दबाव बना। काफी हीला-हवाली के बाद ट्विटर ने भारतीय कानूनों के तहत कदम उठाना शुरू किया। इससे पहले संसदीय स्थाई समिति के सामने पेशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और संसदीय समिति के अध्यक्ष शशि थरूर के खाते को कुछ देर के लिए निलंबित करना, पुलिस प्राथमिकी, कंपनी के कार्यालय पर तलाशी जैसी कार्रवाई से विवाद खड़ा हुआ। अब जबकि, ट्विटर ने भी अपनी अनुपालना रिपोर्ट जारी की है, उससे तसवीर साफ हो गई है कि बेलगाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म की सामग्रियों पर नजरदारी क्यों जरूरी है। नियमों के मुताबिक, 50 लाख से ज्यादा उपयोक्ता वाले इन प्लेटफार्म को हर महीने अपनी अनुपालना रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी।
क्या-क्या तथ्य सामने आए
नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों पर सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों (खासकर ट्विटर) में तनातनी के बीच पहले जिन चार कंपनियों ने अपनी अनुपालना रिपोर्ट रिपोर्ट जारी की, वे हैं- फेसबुक, गूगल, इंस्टाग्राम और कू। फेसबुक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 15 मई से 15 जून के दौरान उसने 10 से ज्यादा श्रेणियों में तीन करोड़ से भी ज्यादा सामग्रियों पर कार्रवाई की है। कंपनी की अपनी रिपोर्ट 15 जुलाई को जारी की जाएगी, जिसमें वॉट्सऐप की भी जानकारी होगी। इंस्टाग्राम ने 15 मई से 15 जून के दौरान 20 लाख सामग्रियों पर कार्रवाई की है। साथ ही, अश्लील और यौनिकता से जुड़ी पांच लाख सामग्रियों पर इंस्टाग्राम ने कार्रवाई की। गूगल में सबसे ज्यादा 96 फीसद शिकायतें कॉपीराइट उल्लंघन की रहीं। गूगल ने करीब 59 हजार सामग्रियों को गूगल और यूट्यूब से हटाया है। सबसे पहले रिपोर्ट जारी करने वाली कंपनी कू ने बताया था कि जून में पांच हजार शिकायतें मिलीं, जिनमें से 1200 सामग्रियों को हटा दिया गया। कंपनी ने अपने से 54 हजार 235 सामग्रियों पर कार्रवाई की, जिनमें से दो हजार को हटा दिया गया।
ट्विटर ने क्या जारी किया
ट्विटर की अनुपालना रिपोर्ट के मुताबिक, 26 मई से 25 जून के दौरान 94 शिकायतें मिलीं और उसने इस दौरान 133 यूआरएल पर कार्रवाई की। ट्विटर ने कहा कि शिकायत अधिकारी-भारतीय चैनल के जरिए मिली शिकायतों में 20 मानहानि, छह शोषण/दुर्व्यवहार और चार संवेदनशील एडल्ट सामग्री से संबंधित थीं। इसके अलावा तीन शिकायतें निजता के उल्लंघन और एक शिकायत बौद्धिक संपदा के उल्लंंघन से संबंधित भी थी। कंपनी ने ट्विटर खातों को निलंबित करने की अपील करने वाली 56 शिकायतों का भी निपटान किया। जागरूक डेटा डेटा-निगरानी श्रेणी के तहत ट्विटर ने 18,385 खातों को निलंबित किया। आतंकवाद को प्रोत्साहन देने के आरोप में 4,179 खाते बंद किए गए।
विदेशों में क्या है स्थिति
भारत के नए नियमों जैसे कानून पाकिस्तान, वियतनाम, पोलैंड, तुर्की और जर्मनी में लागू हैं। जर्मनी ने 2017 में नेटवर्क इन्फोर्समेंट लॉ कानून लागू किया, जिसमें कहा गया कि 20 लाख से अधिक पंजीकृत जर्मन उपयोक्ता वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म को सामग्री डाले जाने के 24 घंटों के भीतर अवैध सामग्री की समीक्षा करनी होगी और उसे हटाना होगा या पांच करोड़ यूरो तक का जुर्माना भरना होगा। ब्रिटिश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में मीडिया की रेगुलेटरी अथॉरिटी आॅफकॉम को सोशल मीडिया का भी नियामक नियुक्त किया। आॅस्ट्रेलिया ने अप्रैल 2019 में शेयरिंग आॅफ एबोरेंट वायलेंट मटीरियल एक्ट पारित किया, जिसका उल्लंघन करने में सोशल मीडिया कंपनियों के लिए आपराधिक दंड, तकनीकी अधिकारियों के लिए तीन साल तक की संभावित जेल की सजा और कंपनी के वैश्विक कारोबार के 10 फीसद तक का जुर्माना शामिल है। इसके अलावा चीन ट्विटर, गूगल और फेसबुक सहित कई को ब्लॉक करता रहता है, और राजनीतिक रूप से संवेदनशील सामग्री के लिए चीनी सोशल मीडिया की निगरानी करता है।
सोशल मीडिया पर क्या न करें
छोटे बच्चों की बिना कपड़े पहने फोटो या वीडियो शेयर करने से बचें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ऐसी सामग्री को अपने आप ही चाइल्ड पोर्नोग्राफी की श्रेणी में डाल देता है, जिससे आपका खाता हमेशा के लिए बंद हो सकता है। किसी को अश्लील, धमकी भरे या अपमानजनक संदेश न भेजें। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला, अपमानजनक या अश्लील सामग्री न हो। – किसी फोटो को गलत तरीके से एडिट कर वायरल करने की धमकी देना भी आपको जेल में भिजवा सकता है। नशीले पदार्थ, आत्महत्या, खुद को चोट पहुंचाना, हथियारों के साथ फोटो को तुरंत हटा दिया जाता है। किसी को ब्लैकमेल करना, घृणा फैलाना, निजता को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री पर कार्रवाई हो सकती है। किसी मामले की गंभीरता पर सोशल मीडिया साइट्स आपको पहले चेतावनी भी दे सकती हैं या सीधे ही आपका खाता ब्लॉक कर सकती हैं।
क्या कहते
हैं जानकार
कंपनियों को दायित्वशील बनाना दुनिया भर में बढ़ता रुझान है। तुर्की और ब्राजील के अलावा, जर्मनी में भी कानून है, जिसमें अधिकार क्षेत्र में एक स्थानीय कर्मचारी की उपस्थिति अनिवार्य है। साथ ही, यह भी ध्यान रखना होगा कि देशों में कानून की कद्र है, वहां टेक कंपनियों पर आपराधिक मुकदमों का जोखिम कभी नहीं डाला गया।
– शशि थरूर, प्रमुख, आइटी पर संसदीय स्थायी समिति
कार्रवाई रिपोर्ट से साफ है कि नियमन जरूरी था। इससे पहले अराजकता रही है और किसी भी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से कोई भी व्यक्ति अपनी राय दे रहा था, जो कई मामलों में पहले से नियोजित होती हैं और फिर उनका पैसे देकर प्रचार किया जाता है। आइ नियम कुछ मामलों में बोलने की स्वतंत्रता में बाधा डाल सकते हैं, लेकिन संयम रखना बेहतर है।
–साहिल चोपड़ा, संस्थापक, भारत में डिजिटल मार्केटिंग रणनीति के विशेषज्ञ