पश्चिम बंगाल स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) दुर्गापुर के नए निदेशक की नियुक्ति का मामला खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। पूर्व  मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी मंत्रालय छोड़ने से पहले सात एनआईटी के निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद राष्ट्रपति ने वो फाइल मंत्रालय को वापस भेज दी। राष्ट्रपति ने मंत्रालय से कहा कि वो नए एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस पर राय लें। जब मंत्रालय ने दोबारा राष्ट्रपति के पास फाइल भेजी तो उसमें केवल छह एनआईटी के निदेशकों की नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी। मंत्रालय ने एनआईटी दुर्गापुर के निदेशक का नाम नई सूची से निकाल दिया। खबरों के अनुसार एनआईटी दुर्गापुर के निदेशक पद के लिए स्मृति ईरानी ने जिस नाम को मंजूरी दी थी उसके खिलाफ मंत्रालय को कुछ शिकायतें मिली थीं जिसके बाद ये फैसला लिया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में अपने मंत्रिमंडल में फेर बदल किया था। पीएम मोदी ने एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी का केंद्रीय कपड़ा मंत्री बनाते हुए तत्कालीन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को नया एचआरडी मंत्री नियुक्त किया था। एचआरडी मंत्री के तौर पर स्मृति ईरानी का कार्यकाल काफी विवादित रहा था। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दलित पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों पर राजद्रोह का मुकदमा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस-चांसलर को मुलाकात के लिए समय न देने इत्यादि मामलों को लेकर ईरानी को आलोचना का शिकार होना पड़ा था। ईरानी का कुछ मामलों पर प्रधानमंत्री कार्यालय से भी मतभेद हुआ था। भारत में 20 “विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय” बनाने के प्रस्ताव पर पीएमओ और एचआरडी में मतभेद उभर आए थे। ईरानी के कार्यकाल में भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) से जुड़े एक विधेयक के मसौदे को भी प्रधानमंत्री कार्यालय ने कथित तौर पर रोक दिया था।