दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि केजरीवाल ने कहा कि वो अपना करियर बनाने नहीं बल्कि छोड़कर राजनीति में आए हैं। नागपुर के एक प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि वो भगवान से दो चीजें मांगते हैं। भारत दुनिया का नंबर वन देश बने और जब तक वो भारत को दुनिया का नंबर वन देश नहीं बना देते तब तक भगवान उन्हें मौत न दें।
केजरीवाल का कहना है कि वो देश बचाने के लिए राजनीति में आए हैं। उनका मकसद सत्ता पाना नहीं बल्कि काम करना है। सीएम ने कहा कि उन्हें चोरी, भ्रष्टाचार, दंगे करना नहीं आता। उन्हें स्कूल और अस्पताल बनाने आते हैं। उन्होंने कहा कि, महाराष्ट्र में सरकारी स्कूलों का हाल बहुत खराब है। पहले दिल्ली में भी ऐसा ही था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
दिल्ली के सीएम ने कहा कि उनके सूबे में पहले सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल था। उन्होंने दिल्ली के अस्पतालों को शानदार बना दिया है। आज राजधानी में मोहल्ला क्लीनिक और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल हैं। आज दिल्ली में लोग बड़े प्राइवेट अस्पताल में नहीं जाते, सरकारी अस्पताल में आते हैं।
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 8, 2022
वैसे केजरीवाल ने ये नही बताया कि यह कैरियर बनाने कौन आता है.सभी तो अपना कोई न कोई काम धाम छोड़ कर ही आता है.इसमेे कौन सी बड़ी बात है
बड़ी बात ये है की अन्ना हजारे के नाम पर राजनीति करते करते दंगा करवाना,झूठ बोलना और खलिस्तानियों से हाथ मिलाना है.एजेंडा साफ था राजनीति में आने का
— Amit Kumar (@amit_iin) May 8, 2022
उधर सोशल मीडिया पर लोगों ने केजरीवाल को जमकर आड़े हाथों लिया। रामशंकर चौधरी ने लिखा कि आपने आते वक्त बहुत कुछ कहा था। धीरे धीरे सब धुल गया। इससे अच्छा करियर क्या होगा। दिल्ली के सीएम हैं। आपके लिए पंजाब पुलिस भी दौड़ी आती है। ऐसा ऐश तो पीएम को नसीब नहीं। कौन से जॉब में 7 रूम बंगला मिलता है? पीयूष पुरी ने लिखा कि जिसे सेवा करनी होती है महत्वाकांक्षा नहीं पालता। ओडिशा के सीएम एक उदाहरण हैं, जिनका कभी किसी से विवाद नहीं होता। वो अभी तक के सबसे बढिया मुख्यमंत्री हैं।
अमित कुमार ने लिखा कि वैसे केजरीवाल ने ये नहीं बताया कि यहां करियर बनाने कौन आता है। सभी तो अपना कोई न कोई काम धाम छोड़ कर ही आते हैं। इसमें कौन सी बड़ी बात है। बड़ी बात ये है की अन्ना हजारे के नाम पर राजनीति करते करते दंगा करवाना, झूठ बोलना और खलिस्तानियों से हाथ मिलाना। एजेंडा साफ था इनके राजनीति में आने का।