राष्ट्रीय दलों के पास मौजूद संपत्ति लोगों को हैरत में डाल सकती है। लेकिन इससे भी ज्यादा हैरानगी की बात ये है कि कुल संपत्ति का 70 फीसदी केवल बीजेपी के पास है। कांग्रेस की बात करें तो वो इस मामलों में बीजेपी से तो बहुत पीछे है अलबत्ता उसका नंबर बीएसपी के बाद आता है। यानि संपत्ति के मामले में मायावती की पार्टी कांग्रेस से कहीं ज्यादा संपन्न है।

एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस) की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में भाजपा ने अपनी संपत्ति 4847 करोड़ रुपये घोषित की थी। यह देश के सभी राजनीतिक दलों में सबसे अधिक है। दूसरे स्थान पर बसपा रही। उसने अपनी संपत्ति 698.33 करोड़ रुपये बताई। 70 सालों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही। उसने अपनी संपत्ति 588.16 करोड़ रुपये घोषित की थी।

एडीआर ने अपनी यह रिपोर्ट 2019-20 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की संपत्ति और देनदारियों के अपने विश्लेषण के आधार पर तैयार की है। विश्लेषण के अनुसार इस वित्त वर्ष में सात राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की ओर से घोषित की गई कुल संपत्ति 6988.57 करोड़ और 44 क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की ओर से घोषित की गई कुल संपत्ति 2129.38 करोड़ रुपये रही।

रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रीय दलों में सबसे अधिक संपत्ति समाजवादी पार्टी के पास है। उसके पास 563.47 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दूसरे स्थान पर टीआरएस रही, जिसने अपनी संपत्ति 301.47 करोड़ रुपये बताई। क्षेत्रीय दलों में तीसरे स्थान पर अन्नाद्रमुक रही जिसने अपनी संपत्ति 267.61 करोड़ रुपये घोषित की है।

क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति में सावधि जमा/एफडीआर का हिस्सा 1639.51 करोड़ (76.99 फीसदी) रहा। इसमें भाजपा ने 3253 करोड़ और बसपा ने 618.86 करोड़ की संपत्ति घोषित की। कांग्रेस ने 240.90 करोड़ घोषित किए। क्षेत्रीय दलों में सपा ने 434.219 करोड़, टीआरएस ने 256.01 करोड़, अन्नाद्रमुक ने 246.90 करोड़, द्रमुक ने 162.425 करोड़, शिवसेना ने 148.46 करोड़ व बीजू जनता दल ने 118.425 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी।