नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी जो गोपनीय फाइलें सार्वजनिक कीं, उनसे संकेत मिलता है कि नेताजी की मौत हवाई हादसे में नहीं हुई थी। माना जाता है कि 18 अगस्‍त, 1945 को ताइवान में विमान दुर्घटना में नेताजी की मौत हो गई थी। पर सार्वजनिक की गई फाइलों से पता चलता है कि उन्‍होंने 18 अगस्‍त, 1945 के बाद तीन रेडियो ब्रॉडकास्‍ट किए थे।

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फाइल नंबर 870/11/p/16/92/Pol में इन ब्रॉडकास्‍ट्स से जुड़ा ब्‍योरा दर्ज है। लगता है कि ये ब्रॉडकास्‍ट नेताजी के द्वारा ही किए गए थे। इससे जुड़ा ब्‍योरा बंगाल के गवर्नर हाउस के यहां से आया है। पीसी कार नाम के एक अफसर ने तब के गवर्नर आरजी सेसे को यह ब्‍योरा दिया था।

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पहला ब्रॉडकास्‍ट 26 अगस्‍त, 1945 का है। इसमें कहा गया है, ‘फिलहाल मैं दुनिया की बड़ी ताकतों की शरण में हूं। मेरा दिल भारत के लिए धड़कता है। मैं जब भारत जाऊंगा हो सकता है तब तीसरे विश्‍व युद्ध के हालात बन रहे हों। यह दस साल में या उससे पहले भी हो सकता है। तब मैं उनका फैसला करूंगा जो लाल किले में मेरे लोगों पर मुकदमे चला रहे हैं।’

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एक और ब्रॉडकास्‍ट 1 जनवरी, 1946 का है। इसमें महात्‍मा गांधी के प्रति पूरा आदर जताते हुए कहा गया है कि हमें दो साल में आजादी हासिल करनी होगी और यह अहिंसा के जरिए नहीं मिलेगी। तीसरा प्रसारण फरवरी, 1946 का है। इसमें तो साफ कहा गया है, ‘मैं सुभाष चंद्र बोस बोल रहा हूं, जय हिंद। जापान के हथियार डालने के बाद मैं तीसरी बार अपने भाई-बहनों को संबोधित कर रहा हूं…।’