PM Museum And Library Society: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम अब आधिकारिक रूप से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कर दिया गया है। ये नाम परिवर्तन सोमवार (14 अगस्त) से प्रभावी हो गया है। स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दे दिया गया है। बता दें कि नृपेंद्र मिश्रा पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष हैं। नृपेंद्र मिश्रा इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य सचिव थे।

पीएम म्यूजिएम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सोसायटी के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त 2023 से प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!

क्यों बदला गया नाम?

नई दिल्ली स्थिति तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था। बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में एक विचार रखा था कि तीन मूर्ति परिसर के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए, जिसे नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया। जून महीने में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया था। अब इसे औपराचिक रूप दे दिया गया है। जून में हुई इस विशेष बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थे, वे सोसाइटी के उपाध्यक्ष हैं।

साल 2022 में प्रधानमंत्रियों को समर्पित ये संग्रहालय बनकर तैयार हुआ, जिसके बाद अप्रैल 2022 में इसे जनता के लिए खोला गया। सभी प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय होने की वजह से कार्यकारी परिषद ने महसूस किया था कि इसका नाम में वर्तमान स्वरूप की झलक दिखनी चाहिए। इसी वजह से बीते जून की बैठक में नाम बदलने का फैसला हुआ। पीएम मोदी के मुख्य सचिव रह चुके नृपेंद्र मिश्र पीएम म्यूजियम की कार्यकारी परिषद अध्यक्ष हैं।

कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना

बता दें कि जून 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदलने का फैसला लिया गया था। कुछ महीनों पहले जब इस मेमोरिलय के नाम को बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था। इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना घर रहा है।