PMML Members to Rahul Gandhi: प्राइम मिनिस्टर म्यूजियम एंड लाइब्रेरी ने औपचारिक तौर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखे गए पत्रों को वापस करने का आग्रह किया है। यह यूपीए शासन के दौरान 2008 में सोनिया गांधी को भेजे गए थे। 10 दिसंबर को लिखे पत्र में पीएमएमएल के सदस्य रिजवान कादरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सोनिया गांधी से मूल पत्र वापस लेने या फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपियां देने का आग्रह किया है।

अहमदाबाद में मौजूद इतिहासकार रिजवान कादरी ने गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा कि ये कागजात नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरुणा आसफ अली और जयप्रकाश नारायण समेत अन्य लोगों के साथ हुए पत्राचार से रिलेटेड हैं और एनएमएमएल सोसायटी ने इस साल फरवरी के महीने में अपनी आखिरी एनुअल मीटिंग के दौरान इस पर गहनता से चर्चा की थी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएमएमएल सोसाइटी ने फरवरी में अपनी एजीएम में सोनिया गांधी के पास मौजूद कागजात के विषय पर चर्चा की थी। इसके बाद फैसला लिया गया कि कानूनी राय भी ली जाएगी। हालांकि सदस्यों ने पहले भी कई बार नेहरू के कागजात गायब होने का मुद्दा उठाया था, लेकिन 2024 की एजीएम में यह पहली बार था और साफ तौर पर उल्लेख किया गया था कि तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष ने दान किए गए कागजात से 51 कार्टन ले लिए थे।

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कादरी ने अपने पत्र में क्या-क्या लिखा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लिखे अपने पत्र में कादरी ने एजीएम के बारे में बताया है। उन्होंने एजीएम मिनट्स का हवाला देते हुए लिखा, ‘पीएमएमएल ने आगे बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार, मार्च 2008 में एमवी राजन ने जवाहरलाल नेहरू के दस्तावेजों से निजी कागजात और सरकार से संबंधित कागजात को अलग करने के लिए पीएमएमएल का दौरा किया था।’

साल 2008 में यूपीए का शासन था और उस समय 51 डिब्बों में भर कर नेहरु के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। नेहरु ने ये पत्र एडविना माउंटबेटन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, अल्बर्ट आइंस्टीन, विजया लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद बल्लभ पंत को लिखे थे। कादरी ने अपने पत्र में लिखा कि विपक्ष के नेता के तौर पर मैं आपसे इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह करता हूं। हालांकि, अभी तक राहुल गांधी की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है।

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को भी लिखा था पत्र

इस मामले को लेकर कादरी ने पहले सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि सबसे जरूरी यह है कि हमारे देश के इतिहास के बारे में जानकारी के लिए यह रिकॉर्ड में रहे। उन्होंने सोनिया गांधी से भी आग्रह किया था कि वह या तो कागजात वापस कर दें, नहीं तो इनकी डिजिटल कॉपियां ही उपलब्ध करवा दें। यह घटनाक्रम मौजूदा पीएमएमएल सोसाइटी को दो महीने को एक्सटेंशन दिए जाने के कुछ दिनों बाद ही सामने आया है। सोसाइटी का कार्यकाल 4 नवंबर को खत्म होने वाला था। हालांकि, संस्कृति मंत्रालय ने उसे 13 जनवरी 2025 तक के लिए बढ़ा दिया है।