नीट परीक्षा पेपर लीक मामले में अब झारखंड के हजारीबाग में मौजूद ओएसिस स्कूल पर सभी की नजरें हैं। स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि प्रश्नपत्रों वाले दो बक्सों पर लगे डिजिटल लॉक 5 मई (परीक्षा के दिन) को नहीं खुल रहे थे जिसके बाद उन्हें NTA की सलाह पर कटर का इस्तेमाल करना पड़ा।

अधिकारियों के मुताबिक बक्से में दो ताले लगे होते हैं -एक मैनुअल और दूसरा डिजिटल–पहले वाले को खोलने के लिए एक चाबी और कटर होता है, जबकि दूसरा लॉक परीक्षा से 45 मिनट पहले अपने आप खुल जाता है, लेकिन हज़ारीबाग के ओएसिस स्कूल में ऐसा नहीं हुआ।

जब लॉक नहीं खुला तो?

जब स्कूल के प्रिंसिपल और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा नियुक्त हजारीबाग जिला कोर्डिनेटर एहसानुल हक ने NTA को फोन करके पूछा कि लॉक नहीं खुल रहा है अब क्या करना है? तो उन्हें बताया गया कि कटर से डिजिटल लॉक को काट दें। हक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने ओएसिस स्कूल सहित पांच परीक्षा केंद्रों के अधीक्षकों और पर्यवेक्षकों को यह बात बताई, जहां डिजिटल लॉक नहीं खुला था।

ओएसिस स्कूल के केंद्र अधीक्षक इम्तियाज आलम और एनटीए के पर्यवेक्षक विश्व रंजन ने भी इस बात को दोहराया। रंजन ने कहा, “पिछली NEET-UG परीक्षाओं में भी डिजिटल लॉक का इस्तेमाल किया गया था, और एक बीप बजती थी जो बताती थी कि बॉक्स खुल गए हैं। इस साल हमें आश्चर्य हुआ जब वे अनलॉक नहीं हुए। हमने अपने सिटी कोऑर्डिनेटर एहसानुल हक को सूचित किया, उन्होंने एनटीए से संपर्क किया और हमें बताया गया कि हमें इसे कटर से काटना चाहिए।”

एनटीए अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ऐसा हो सकता है कि लॉक खराब हो जाएं इसीलिए कटर से बॉक्स को खोलने की अनुमति दी गई है। इसका यह मतलब नहीं है कि बॉक्स के साथ छेड़छाड़ की गई है।

EOU पहुंचा हजारीबाग

बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने हजारीबाग पहुंच कर बिहार में लीक हुए प्रश्नपत्र के जले हुए अवशेषों पर पाया गया सीरियल कोड हजारीबाग के ओएसिस स्कूल परीक्षा केंद्र से मेल खाते हैं। जिसके बाद ईओयू के अधिकारी अपने साथ दो प्रश्नपत्र वाले एल्युमिनियम के बक्से अपने साथ ले गए।