बिहार सरकार ने NEET-UG परीक्षा पेपर लीक मामले में जांच के दौरान केंद्र सरकार को जानकारी दी है कि उनकी जांच में स्पष्ट तौर पर पेपर लीक के संकेत मिल रहे हैं। राज्य सरकार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पेपर लीक से जुड़े कथित जले हुए पेपर के 68 सवालों का मिलान असली पेपर से किया है। यह पेपर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने पांच दिन पहले EOU के साथ साझा किया था।
इसके अलावा EOU की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बिहार पुलिस ने जिस घर में गिरफ्तार अभ्यर्थी रह रहे थे, वहां से जले हुए पेपर के टुकड़ों को बरामद किया है और यह पेपर झारखंड के परीक्षा केंद्र का है जिसका मिलान यूनिक परीक्षा केंद्र कोड से किया गया है। जिस स्कूल में यह पेपर पहुंचना था वह सीबीएसई से मान्यता प्राप्त एक निजी स्कूल है। EOU ने जले हुए पेपर के टुकड़ों का मिलान मूल पेपर और उसके प्रश्नों से करने के लिए फोरेंसिक लैब की मदद ली है।
CBI को सौंपी गई जांच
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया। EOU ने इस मामले में रविवार को पांच और संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिससे पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 18 हो गई है।
बिहार सरकार के दावों से यह साबि होता दिख रहा है कि पेपर लीक हुआ है। इसका एक कारण तो 68 सवाल एक जैसा होना माना जा रहा है और दूसरा जले हुए पेपर और मूल पेपर पर प्रश्नों के क्रमांक भी एक जैसे हैं।
कैसे, कब हुआ पेपर लीक, जांच जारी
फिलहाल आर्थिक अपराध इकाई (EOU) पेपर लीक के समय और स्थान की पहचान करने की कोशिश कर रहा है। एनटीए ने हाल ही में प्रश्नपत्र की कस्टडी की चेन साझा की है, जिसकी मदद से EOU लीक की पहचान करने के लिए एनटीए की कस्टडी से झारखंड स्कूल तक पेपर कैसे और कहां होकर पहुंचा यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
झारखंड के ओएसिस स्कूल से मिल रहे अहम सुराग
दो दिन पहले हुई जांच में हज़ारीबाग के ओएसिस स्कूल से बरामदगी ने एक अहम सुराग दिया। सूत्रों ने बताया कि जब टीम ने स्कूल का दौरा किया और सभी लिफ़ाफ़े और बक्से उठाए जिनमें प्रश्नपत्र आए थे, तो पाया कि एक लिफ़ाफ़ा दूसरे सिरे से कटा हुआ था। जिस ढंग से इसे खोला गया था यह नियमों के खिलाफ था।
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि पेपर स्कूल पहुंचने से काफी पहले लीक हो गया होगा। ओएसिस स्कूल सहित हजारीबाग के चार केंद्रों में परीक्षा आयोजित करने के लिए जिला समन्वयक एहसानुल हक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सीसीटीवी फुटेज से साफ पता चला है कि स्कूल के केंद्र अधीक्षक और एनटीए द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक ने 5 मई की सुबह (परीक्षा के दिन) पैकेट हासिल किया था।
हक ने कहा, निरीक्षकों सहित छात्रों के सामने पेपर वाला पैकेट खोला गया था।” उन्होंने कहा कि अगर स्कूल की ओर से कोई गलत काम हुआ होता, तो स्कूल के अधिकारियों को हिरासत में लिया जाता।