NEET-UG Paper Leak: नीट यूजी परीक्षा को लेकर चल रहे विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर 38 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कई छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की मांग की है। कोर्ट के सामने इस पूरे विवाद को लेकर अब तक 26 याचिका पहुंच चुकी है। नीट मामले पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी। इस पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा हैं।

याचिका में क्या की गई मांग

गुजरात के कुछ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल केंद्र सरकार व एनटीए को पांच मई को हुई परीक्षा रद नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। छात्रों ने कोर्ट से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को नीट-यूजी परीक्षा में कथित तौर पर गड़बड़ी और नकल जैसी अनुचित गतिविधियों में शामिल छात्रों तथा अन्य लोगों की जांच व पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश देने की भी मांग की है। इससे पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शुक्रवार को न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर गंभीर असर पड़ सकता है।

क्या है पूरा मामला?

देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-अंडरग्रेजुएट (नीट- यूजी) आयोजित की जाती है। एनटीए ने 5 मई को परीक्षा आयोजित की थी। पेपर लीक के आरोप के बाद परीक्षा को रद्द करना पड़ा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने शीर्ष अदालत में अलग-अलग हलफनामे दायर किए हैं, जिसमें उन याचिकाओं का विरोध किया गया है, जिनमें परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और इसमें शामिल सभी मुद्दों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। अपने जवाब में उन्होंने कहा है कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को अपने हाथ में ले लिया है।

(इनपुट-एजेंसी)