NEET Results Controversy: नीट परीक्षा के पेपर लीक को लेकर बिहार पुलिस जांच कर रही है और कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। छात्र परीक्षा करवाने वाले NTA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं दूसरी ओर सरकार ने आश्वासन दिया है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन अगर इस बार के नीट एग्जाम्स जिन एग्जाम सेंटर्स पर हुए, उनकी स्थिति काफी खराब सामने आई है। एक थर्ड पार्टी द्वारा इन एग्जाम सेंटर्स की हुई समीक्षा में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
इस समीक्षा में सामने आया कि परीक्षा कक्षों में अनिवार्य दो वर्किंग सीसीटीवी तक नहीं थे, इसके अलावा जहां एग्जाम पेपर्स रखे जाते हैं, उस स्ट्रॉन्ग रूम में न तो कोई गार्ड था, न सुरक्षा के कुछ खास इंतजाम थे, उसे ऐसे ही भगवान भरोसे छोड़ दिया गया था। NEET UG की परीक्षा NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करवाता है, और पेपर लीक से लेकर रिजल्ट में अनियमितता का आरोप लगाते हुए एनटीए की ही विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए हैं।
399 एग्जाम सेंटर्स की हुई समीक्षा
सूत्रों के मुताबिक थर्ड पार्टी ने अपनी समाक्षा की रिपोर्ट एग्जाम के रिजल्ट घोषित होने के बाद 16 जून को पेश की थी। समीक्षा के लिए थर्ड पार्टी संस्थान ने 4000 में से 399 परीक्षा केंद्रों का दौरा किया था, जिन पर एनटीए और समीक्षा करने वाले पक्ष द्वारा परस्पर चर्चा की गई और सहमति बनी। इसके अलावा 399 परीक्षा केंद्रों में से 68 केंद्रों पर स्ट्रॉन्ग रू में गार्ड की व्यवस्था ही नहीं थी। नियम के अनुसार प्रश्नपत्रों के वितरण के समय तक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं दिखा।
इसके अलावा 83 केन्द्रों पर बायोमेट्रिक स्टाफ और संबंधित केन्द्रों के लिए निर्धारित स्टाफ के बीच कोई अंतर नहीं था। समीक्षा का उद्देश्य परीक्षा के दिन केंद्र पर निर्धारित दिशा-निर्देशों को नजरंदाज तो नहीं किया जा रहा है। NEET-UG के लिए परीक्षा केंद्र के रूप में किसी स्कूल या किसी स्थान का चयन करते समय NTA कई कारकों पर विचार करता है। इनमें बुनियादी ढांचे के मानक, उम्मीदवारों के बैठने की क्षमता, पहुंच, स्वच्छ सुविधाओं तक पहुंच, आवश्यक जीवन-सुरक्षा उपकरणों की उपस्थिति शामिल होती है।
छात्रों ने लगाए हैं गंभीर आरोप
बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन 4 जून को घोषित किए गए NEET-UG परिणामों में समस्याओं के कारण NTA को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इसमें असामान्य रूप से बड़ी संख्या में 67 उम्मीदवारों 720/720 का ग्रेस स्कोर मिला और कुछ उम्मीदवारों को 718 या 719 अंक मिले।
ऐसे में छात्रों का दूसरों का दावा है कि परीक्षा की प्लानिंग में ये संभव नहीं थे। एनटीए ने इसके लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें अपेक्षाकृत आसान पेपर, एनटीए स्टाफ और निरीक्षकों की ओर से गलतियों और देरी के कारण परीक्षा के दौरान समय गंवाने वाले छात्रों को अतिरिक्त अंक देने का निर्णय और एक गलत प्रश्न शामिल है।
बिहार में पेपर लीक के आरोप
एनटीए पर बिहार में प्रश्नपत्र लीक होने का भी आरोप है और राज्य पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य में गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में से चार ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने NEET की परीक्षा दी थी, जबकि बाकी उनके माता-पिता और एक संगठित गिरोह के सदस्य हैं, जिन्होंने कथित तौर पर रामकृष्ण नगर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में एक स्कूल में परीक्षा से पहले 35 अभ्यर्थियों को इकट्ठा किया और एक नकली परीक्षा आयोजित की। कथित तौर पर उन्हें वहां उत्तरों के साथ NEET का प्रश्नपत्र मिला था।
इसके अलावा, गुजरात के गोधरा में दो परीक्षा केंद्र राज्य पुलिस की जांच के दायरे में हैं, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट में सही उत्तर भरने में मदद की थी।