करीब दो साल पहले खाने में मिले कीड़े के मामले में भारतीय रेलवे अब जाकर एक महिला यात्री को 10 हजार रुपये का हर्जाना देगा। शालिनी जैन नाम की महिला यात्री ने रेलवे के खाने में कीड़ा मिलने की शिकायत की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शालिनी जैन 3 जुलाई 2016 को अपने दो बच्चों के साथ कालका-नई दिल्ली शताब्दी ट्रेन से चंडीगढ़ से दिल्ली जा रही थीं, तब ट्रेन में दिए गए खाने में उन्हें जीवित कीड़ा मिला था। रिपोर्ट के मुताबिक शालिनी को जो खाना दिया गया था, उसके लिए वह भुगतान पहले ही कर चुकी थी, लेकिन कीड़ा मिलने के कारण वह और उनके बच्चे भूखे रह गए थे। शालिनी इसकी शिकायत की, लेकिन रेलवे स्टाफ ने उनकी बात अनसुनी कर दी थी और टीटी ने उन्हें शिकायत दर्ज करने वाला रजिस्टर देने से मना कर दिया था। उन्होंने तब के रेल मंत्री सुरेश प्रभु को भी शिकायत भेजी थी, लेकिन वहां से भी उन्हें मायूसी हाथ लगी थी। अब चंडीगढ़ उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने शालिनी की शिकायत को सही पाया है और रेलवे से कहा है कि वह महिला यात्री को 10 हजार रुपये बतौर हर्जाना दे और कैटरिंग चार्ज भी वापस करे।

उपभोक्ता फोरम की तरफ से यह भी कहा गया है कि विस्तृत निर्देशों के बावजूद ज्यादातर रेलवे जोन्स ने यात्रियों के दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। बता दें कि भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने भी पिछले वर्ष जुलाई में अपनी ऑडिट रिपोर्ट में रेलवे में परोसा जाने वाला खाना इंसानों के खाने के लायक नहीं बताया था।

सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रेन और स्टेशनों पर रिसाइकिल्ड फूड का इस्तेमाल देखा गया है और खाना तैयार करने के लिए स्वच्छ पानी का इस्तेमाल होता नहीं देखा गया है। सीएजी ने रिपोर्ट में कहा था कि 74 स्टेशनों पर हुए ऑडिट में 80 ट्रेनों में कॉकरोच और चूहे मिले। रिपोर्ट में इसके लिए रेलवे लगातार बदलती कैटरिंग नीति और ऐसी स्थिति में उचित बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए रेलवे की अक्षमता को जिम्मेदार ठहराया गया था।