केंद्र सरकार की तरफ से सदन में प्रस्तावित कृषि अध्यादेशों को लेकर राजग में फूट नजर आ रही है। पंजाब- हरियाणा में इन अध्यादेशों को लेकर विरोध के बीच अकाली दल की नेता और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है।
शिरोमणि अकाली दल के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के साथ ही इन विधेयकों को लेकर एनडीए में बिखराव साफ नजर आने लगा है। इन विधेयकों को लेकर हरियाणा और पंजाब में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। इससे पहले सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि किसानों से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा देंगी। उन्होंने केंद्र को चेतावनी देते लोकसभा में कहा कि अगर सरकार किसानों पर लाए जा रहे बिल नहीं रोकती है तो केंद्रीय मंत्री इस्तीफा दे देंगी।
कांग्रेस और अन्य दल विधेयक का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह एमएसपी प्रणाली द्वारा किसानों को प्रदान किए गए सुरक्षा कवच को कमजोर कर देगा और बड़ी कंपनियों द्वारा किसानों के शोषण की स्थिति को जन्म देगा। इससे पहले सदन में विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि किसानों के लिए काला कानून लाया जा रहा है। इससे किसानों को बख्श देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का सहयोगी शिरोमणि अकाली दल भी विधेयक के खिलाफ बोला है।
भाजपा के वीरेंद्र सिंह ने विधेयकों को किसानों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि यह आजादी के बाद पहली सरकार है जिसने किसानों की समृद्धि के लिये काम किया। आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोविड-19 के हालात का फायदा उठाते हए इन अध्यादेशों को लाकर कृषि क्षेत्र को बर्बाद करने का प्रयास किया है।