विवादों में घिरे तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग और दिल्ली के कई सीमा क्षेत्रों में चल रहे किसानों के आंदोलन का मुद्दा लगातार चौथे दिन लोकसभा में छाया रहा। इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के हंगामे के कारण शुक्रवार को एक बार स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन में एनसीपी नेता सुप्रिया सुले भी कृषि कानूनों के विरोधियों में एक थीं। सुले ऐसी नेत्री हैं जिन्हें सदन के भीतर उनके आसपास बैठे अन्य सांसदों के साथ अच्छे व्यवहार के लिए जाना जाता है। इस बीच कृषि कानूनों के विरोध के दौरान एक मजेदार वाक्या हुआ। विपक्षी सांसद कानूनों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे और सांसद सुले उन्हें कैंडीज बांट रही थीं। शुक्रवार को ब्रेक के दौरान उन्हें चॉकलेट कैंडीज के पैकेट खोलते हुए और विपक्षी सांसदों के बीच बांटते हुए देखा गया। द इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के एक कॉलम में लिखा बताया गया- पैकेट खुलते ही सदन में पिछली सीटों पर बैठे सांसद भी कैंडीज लेने के लिए उनके पास जाते हुए देखे गए।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा से पहले सदन में किसानों के मुद्दे पर अलग से चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं। राज्यसभा में पिछले कुछ दिनों से कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। हालांकि लोकसभा में चर्चा को लेकर गतिरोध कायम है जिसकी वजह से पिछले चार दिनों में सुचारू कामकाज नहीं हो सका है।
निचले सदन में कृषि कानूनों एवं किसानों के विषय पर चर्चा को लेकर कांग्रेस एवं कुछ विपक्षी दलों ने आक्रामक रूख अपनाया हुआ है। शुक्रवार को लगातार चौथे दिन अपराह्न चार बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस और द्रमुक समेत कई विपक्षी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, सपा और बसपा के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े नजर आए जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी में हिस्सा नहीं लिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल शुरू कराया। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के टीके से संबंधित कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिए। (एजेंसी इनपुट)