राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महासचिव और बिहार की कटिहार लोकसभा सीट से सांसद तारिक अनवर ने पार्टी छोड़ दी है और लोकसभा से भी इस्तीफा दे दिया है। तारिक अनवर शरद पवार के काफी नजदीक बताए जाते थे। वो एनसीपी के संस्थापकों में एक रहे हैं। कहा जा रहा है कि राफेल विवाद पर शरद पवार की टिप्पणी से आहत होकर तारिक ने ये कदम उठाया है। बता दें कि एक मराठी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि राफेल विमान खरीद में पीएम नरेंद्र मोदी की मंशा पर लोगों को कोई शक है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि डील की कीमत बताने में भी कोई हर्ज नहीं है।
तारिक अनवर ने कहा कि वो राफेल डील पर एनसीपी प्रमुख के बयान से असहमत हैं। उन्होंने कहा कि पवार ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी जो गलत है। अनवर ने कहा कि पवार के बयान के बाद पार्टी में रहना असंभव हो गया था। लगे हाथ अनवर ने ये भी कहा कि पीएम मोदी राफेल डील पर कुछ छुपा रहे हैं। उन्हें मामले में चुप्पी तोड़नी चाहिए थी और जेपीसी से जांच करानी चाहिए थी। इधर, एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि तारिक अनवर को पार्टी छोड़ने से पहले कम से कम एक बार पार्टी फोरम पर बात करनी चाहिए थी। पटेल ने कहा कि वो एनसीपी के बड़े नेता थे। पटेल ने ये भी कहा कि राफेल डील पर उनकी पार्टी जेपीसी बनाने की मांग ुप अडिग है।
तारिक अनवर ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी। वह नेशनल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1980 में पहली बार कटिहार से सांसद चुने गए थे। यहां से उन्होंने कई बार प्रतिनिधित्व किया। अनवर राज्य सभा में भी रहे। सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर तारिक अनवर कांग्रेस से अलग हो गए थे और शरद पवार के साथ मिलकर एनसीपी बनाई थी। यूपीए-2 की मनमोहन सिंह सरकार में वो कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाए गए थे। बिहार से एनसीपी के वो अकेले सांसद थे।

