Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाआों को आरक्षण देने पर उत्तर भारतीय मानसिकता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय मानसिकता संसद में लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के अनुकूल नहीं है।
शनिवार(17 सितंबर) को पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पुणे डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए महिला आरक्षण विधेयक से जुड़े एक सवाल पर यह बयान दिया। दरअसल जब उनसे लोकसभा और सभी राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव पारित होने पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि मैं इस विषय पर संसद में तब से बोल रहा हूं जब लोकसभा में कांग्रेस का सदस्य था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मामले में सभी दलों को एक साथ इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास करना चाहिए। पवार ने कहा कि संसद की ‘मानसिकता’, खास तौर पर उत्तर भारत की मानसिकता, इस मामले पर अनुकूल नहीं रही है। मैं लोकसभा में कांग्रेस सांसद के तौर पर इस विषय पर बोल रहा था। अपनी बात खत्म करने के बाद जब मैं पीछे मुड़ा तो देखा कि मेरी पार्टी के कई सांसद उठकर चले गए।
पवार ने कहा कि मेरी ही पार्टी के सांसदों का सदन से जाने का मतलब है कि यह मामला मेरी पार्टी के लोगों के लिए भी सहज और पचने योग्य नहीं था।
उन्होंने कहा, “मैंने महाराष्ट्र का सीएम रहने के दौरान स्थानीय निकायों जैसे जिला परिषद और पंचायत समिति में महिलाओं के लिए आरक्षण व्यवस्था की शुरुआत हुई थी। हालांकि शुरुआत में इसका विरोध देखा गया था लेकिन बाद में लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया था।” बता दें कि1999 में शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गठन के बाद से 81 वर्षीय शरद पवार पार्टी के अध्यक्ष हैं।