लोकसभा चुनाव 2024 में समय है लेकिन विभिन्न दलों से टिकट की दावेदारी कर रहे नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। यूपी के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) से सांसद डॉ. महेश शर्मा भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। इस बार उनके क्षेत्र से नवाब सिंह नागर बीजेपी से सांसद के टिकट के लिए अपना दावा ठोक रहे हैं। नवाब सिंह नागर भाजपा के पुराने नेता हैं। 1980 में जब पार्टी की स्थापना हुई थी, तब नोएडा पहली बार मंडल बना था। उस समय पार्टी ने उन्हें नोएडा का पहला मंडल अध्यक्ष बनाया था। वह गाजियाबाद के निकट दादरी से दो बार पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं।
डॉक्टर साहब से ज्यादा खुद को बता रहे लोकप्रिय
नोएडा में महेश शर्मा मौजूदा सांसद हैं और उनकी क्षेत्र में काफी पकड़ है, लेकिन नवाब सिंह नागर का दावा है कि स्थानीय लोग उनको सांसद के रूप में देखना चाहते हैं। नोएडा से भाजपा का उम्मीदवार कौन बनेगा, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन नवाब सिंह नागर खुद को उम्मीदवार बनना तय मान रहे हैं। ऐसे में लग रहा है कि मौजूदा सांसद महेश शर्मा के लिए नवाब सिंह नागर चुनौती बन सकते हैं। नवाब सिंह खुद मीडिया के सामने कहते हैं कि अगर पार्टी यहां सर्वेक्षण करवा ले तो उनकी साफ तौर पर उनकी लोकप्रियता ज्यादा दिखेगी।
मौजूदा सांसद महेश शर्मा को शहरी इलाकों में ज्यादा वोट मिलते हैं। दूसरी तरफ नवाब सिंह नागर की पकड़ ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है। वे खुद को जनता से सीधे जुड़ा नेता मानते हैं। जनता की आवाज उठाने के लिए उन्होंने कई बार सड़कों पर उतरकर आंदोलन और संघर्ष किया है।
भाजपा के किसान प्रकोष्ठ में रहते हुए वे किसानों के आंदोलन में जेल गए। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश गन्ना विकास बोर्ड का अध्यक्ष भी नियुक्त किया था। नवाब सिंह नागर के करीबियों का मानना है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर हुए आंदोलन की वजह से पश्चिम यूपी में भाजपा को लेकर किसानों में अब भी नाराजगी है। ऐसे में एक किसान नेता को यहां से उम्मीदवार बनाने से पार्टी को फायदा हो सकता है। हालांकि दादरी में मोहम्मद अखलाक की बेरहमी से पिटाई कर हत्या की घटना को उचित ठहराकर वह विवादों में भी रहे हैं। इसकी वजह से पार्टी में भी उनका काफी विरोध हुआ था।
कहां होगी नवाब सिंह नागर को दिक्कत?
नवाब सिंद नागर और उनके समर्थक भले ही खुद को महेश शर्मा से ज्यादा चर्चित मानते हों लेकिन बीते दो चुनावों के आंकड़े कहते हैं कि महेश शर्मा को हल्के में लेना सही नहीं होगा। साल 2019 लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा को 8,30,812 वोट मिले थे जबकि उनके निकटम प्रतिद्वंदी बीएसपी (बसपा-सपा गठबंधन) के सतवीर को 4,93,890 वोट ही हासिल हो सके। इससे पहले साल 2014 में महेश शर्मा को 5,99,702 मिले थे। उनके सामने चुनाव लड़े सपा के नरेंद्र भाटी को 3,19,490 वोट जबकि बसपा के सतीश कुमार को 1,98,237 वोट ही नसीब हुए थे। दोनों ही चुनावों में महेश शर्मा की बड़े अंतर से जीत उनकी पूरे क्षेत्र में पकड़ बताती है। ऐसे में पार्टी के लिए महेश शर्मा को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा।