क्रूज ड्रग्स पार्टी के मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की घेराबंदी तेज कर दी है। मलिक ने आर्यन खान मामले की जांच कर रहे वानखेड़े को घेरते हुए दावा किया कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए नौकरी हासिल की, उनके कारण एक योग्य दलित नौकरी से वंचित रह गया। नवाब मलिक ने कहा कि मैंने सोमवार को दस्तावेज साझा किया था वह असली है, उनके पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने इस्लाम धर्म को अपनाया था, जिसके बाद समीर ने दलित सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया और एक दलित अभ्यर्थी का मौका छीन लिया।
नवाब मलिक ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुझे एक अनाम एनसीबी अधिकारी की चिट्ठी मिली है। मैं नारकोटिक्स चीफ को यह चिट्ठी भेजकर अपील कर रहा हूं कि इस पत्र को एनसीबी के समीर वानखेड़े पर की जा रही जांच में शामिल किया जाए। हम मांग करते हैं कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने इसके साथ चार पन्नों का एक लेटर भी संलग्न किया है।
नवाब मलिक ने कहा कि समीर वानखेड़े इस शहर में 2 लोगों के जरिए फोन टैप कर रहा है। लोगों के फोन को कहीं न कहीं इंटरसेप्ट किया जा रहा है। 2 प्राइवेट लोग हैं, एक मुंबई शहर में है और एक ठाणे में है। हम लोगों के सामने रखेंगे कि कैसे समीर वानखेड़े गलत तरह से लोगों का फोन टैप कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं आह्वान करता हूं कि वानखेड़े मेरे खिलाफ मानहानि का मामला करें। मैं अपना केस लड़कर इनका फर्ज़ीवाड़ा सामने लाऊंगा, 100-200 करोड़ की बात न करें, 10% स्टैंप ड्यूटी भरनी होती है, आपके पास 2 नंबर के हज़ारों करोड़ हो सकते हैं, लेकिन स्टैंप ड्यूटी भरने का काग़ज़ नहीं होगा।
बचाव में उतरीं पत्नी: समीर वानखेड़े पर लगे आरोपों पर उनकी पत्नी ने नवाब मलिक को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि समीर को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह ईमानदार हैं, वह किसी भी दबाव के आगे नहीं झुक रहे हैं इसलिए ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने यह बात समाचार चैनल आजतक के साथ बातचीत में कही। वहीं एनसीबी के जोनल डायरेक्टर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह इसका जवाब अपने अधिकारियों को देंगे।
