नौसेना इस साल नई अग्निपथ योजना के माध्यम से पहली बार महिला कर्मियों की भर्ती करेगी, जिससे आने वाले समय में उनके लिए भी युद्धपोतों पर भी उनकी तैनाती का मार्ग प्रशस्त हो सके। इस साल शामिल किए जाने वाले 3,000 नौसेना अग्निवीरों में से महिलाओं की सही संख्या फिलहाल अभी तय नहीं की गई है, लेकिन यह पहले बैच में 10 से 20 फीसदी तक महिलाओं के भर्ती होने की संभावना है। यह प्रशिक्षण 21 नवंबर को ओडिशा में नौसेना प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का में शुरू होगा।

अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, चीफ वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रविवार को बताया, “नौसेना में अग्निपथ योजना जेंडर के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा, हमने पहले भी कहा था कि 30 महिला अधिकारी वारशिप के फ्रंटलाइन पर तैनात हैं। इसके बाद हमने फैसला किया कि नेवी में भी अब महिला कर्मियों की भी भर्ती करने का समय आ गया है। हमने ये भी तय किया है कि अब सभी ट्रेडों में समुद्र में जाने वाली महिलाएं शामिल होंगी।”

लगभग 9000 महिला अफसरों की कमी
सन 1990 के दशक 14 लाख महिलाओं को मजबूत सशस्त्र बलों में शामिल किया गया है। लेकिन साल 2019-20 तक बतौर ऑर्मी ऑफिसर महज 3904 महिला कर्मियों को (जिसमें ऑर्मी में 1705, इंडियन एयर फोर्स में 1640 और नेवी में महज 559 महिलाओं को जगह मिली) 70 हजार मजबूत अफसरों में 9000 अफसरों की कमी है।

भर्ती होने वाली महिला कैंडिडेट्स की संख्या पर बात जारी
सेना ने पहली बार 2019-2020 में अन्य रैंकों में महिलाओं की भर्ती शुरू करने के बाद अब कॉर्प ऑफ मिलिट्री पुलिस (CMP) में 100 महिला जवान भी हैं। पिछले दो वर्षों में 199 और सीएमपी महिलाओं की भर्ती को कोविड -19 महामारी के कारण रोक दिया गया था। वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि पहले बैच में अग्निवीर के रूप में शामिल होने वाली महिलाओं की प्रतिशतता पर अभी बात चल रही है, महिला उम्मीदवारों को आईएनएस चिल्का में समायोजित करने की व्यवस्था की जा रही है।

आपको बता दें कि लगभग एक साल पहले, नौसेना ने 23 साल के लंबे अंतराल के बाद पहली बार युद्धपोतों पर चार महिला अधिकारियों, विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और बेड़े के टैंकर आईएनएस शक्ति पर दो-दो को तैनात किया था। अब ये संख्या बढ़कर 30 हो गई है। इससे भविष्य में महिलाओं के लिए भी नेवी में बड़े अवसर आने के संकेत दिखाई देते हैं।