कहते हैं कि जोड़ियां 7वें आसमान से बनकर आती है, लेकिन अमरावती की सांसद नवनीत कौर और एमएलए रवि राणा की बात करें तो लगता है कि दोनों की जोड़ी बाबा रामदेव के आश्रम में ही बनी। योग से खासा लगाव रखने वाली नवनीत कौर की बाबा रामदेव के प्रति अगाध श्रद्धा है। वह उनको अपने पिता के समान मानती हैं। रवि राणा से उनकी मुलाकात एक योगा कैंप में मुलाकात हुई थी। एक दूसरे एक दूसरे के मन को भाए तो दोनों ने रामदेव की अनुमति लेने के बाद सात फेरे ले लिए।

दो फरवरी 2011 को दोनों ने अनूठे तरीके से एक दूसरे का होने की रस्म पूरी की। दरअसल, रवि राणा इस मौके को यादगार बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने 3613 जोड़ों के साथ एक दूसरे को वरमाला पहनाई। विदर्भ में हुए समारोह में एक तरफ बाबा रामदेव के साथ मौलाना महमूद मदनी जैसे धार्मिक लोग शामिल हुए तो अभिनेता विवेक ओबेरॉय और महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, सुब्रत रॉय सहारा जैसी हस्तियों ने भी इसमें शिरकत की।

सामूहिक विवाद में एक दूसरे का हाथ थामने का फैसला रवि राणा की सोच का परिणाम था। रवि ने इसके जरिए नवनीत के साथ खुद को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में भी शामिल करा लिया। यह सबसे बड़ा सामूहिक विवाह समारोह माना जाता है। इसके जरिए परस्पर विरोधी विचारधारा के लोग एक मंच पर भी आए। समारोह में तकरीबन सात करोड़ का खर्च आया। समारोह में 2443 हिन्दू, 739 बुद्ध, 150 मुस्लिम, 15 क्रिस्चियन और 13 दृष्टिहीन जोड़े शामिल थे।

कभी पंजाबी और साउथ इंडियन फिल्मों में एक्ट्रेस रही नवनीत नवनीत कौर का जन्म 3 जनवरी, 1986 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने ज्यादातर तेलुगु फिल्मों में काम किया। नवनीत के माता-पिता पंजाबी मूल के हैं। उनके पिता आर्मी में अफसर थे। 12वीं पास करने के बाद नवनीत ने पढ़ाई छोड़ एक मॉडल के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने 6 म्यूजिक अलबम में काम किया। कौर ने कन्नड़ फिल्म ‘दर्शन’ से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की।

नवनीत ने तेलुगु फिल्म सीनू, वसंथी और लक्ष्मी में भी एक्टिंग की। 2005 में तेलुगु फिल्म चेतना, जग्पथी, गुड बॉय और 2008 में भूमा में भी उन्होंने बतौर एक्ट्रेस काम किया। वो रियलिटी शो हुम्मा-हुम्मा में भी बतौर कंटेस्टेंट हिस्सा ले चुकी हैं। नवनीत ने मलयालम फिल्म ‘लव इन सिंगापुर’ के अलावा पंजाबी फिल्म ‘लड़ गए पेंच’ में भी काम किया है। 2011 में शादी के बाद उन्होंने अभिनय को अलविदा कह दिया था।

नवनीत कौर राणा ने 2014 में अमरावती लोकसभा सीट से एनसीपी की टिकट पर चुनाव भी लड़ा था। वह चुनाव शिवसेना के हाथों हार गई थीं। इस दौरान विपक्षी दलों ने उनके कास्ट सर्टिफिकेट को फर्जी करार दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने मुंबई पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे।

उधर, नवनीत ने भी पुलिस में एक मामला दर्ज कराया था। जिसके मुताबिक फेसबुक और व्हाट्सएप पर उनकी कुछ तस्वीरों को छेड़छाड़ कर उनकी बिना किसी परमिशन के पोस्ट और शेयर किया गया है। उन्होंने इसे खुद के खिलाफ साजिश बताया था। नवनीत फिलहाल अमरावती से निर्दलीय सांसद हैं। उन्होंने दूसरी बार के प्रयास में शिवसेना प्रत्याशी को 36 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी। संसद में उन्हें तेजतर्रार वक्ता के तौर पर शुमार किया जाता है। उनके पति रवि राणा ने युवा स्वाभिमान पक्षा पार्टी का गठन किया है। 2019 के चुनाव में उन्होंने शिवसेना के 71 वर्षीय उम्रदराज नेता को मात दी।