भारतीय जनता पार्टी द्वारा कुछ महीने पहले ही मनोनीत किए गए राज्यसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने संसद सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। क्यों दिया होगा इस्तीफा? इसे लेकर अब तक अटकलें ही चल रही हैं। बताया जा रहा है कि वह मंत्री बनाए जाने की उम्मीद पाले थे, जो पूरी नहीं हुई। एक चर्चा ऐसी भी चल रही है कि वह आम आदमी पार्टी में जाकर मुख्यमंत्री का चेहरा बन कर पंजााब विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। एक और अटकल के मुताबिक सिद्धू टीवी व अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहने के चलते संसद या भाजपा को समय नहीं दे पा रहे थे।
#FLASH BJP nominated member Navjot Singh Sidhu resigns from Rajya Sabha.
— ANI (@ANI) July 18, 2016
पंजाब में क्या है संभावना? सिद्धू के लिए पंजाब में अच्छी संभावना बन सकती है, लेकिन भाजपा में रहते हुए नहीं। अकाली दल और अंदरूनी गुटबाजी के चलते भाजपा में सिद्धू की तरक्की की संभावनाएं सीमित हैं। पर अगर वह आम आदमी पार्टी (आप) में जाते हैं तो उनके लिए संभावनाएं बेहतर हो सकती हैं। उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बना कर आप चुनाव में उतर सकती है। सिद्धू भाषण देने में माहिर हैं और लोगों के बीच पहचाने चेहरा हैं। ऐसे में आप के लिए भी उन्हें चेहरा बनाना घाटे का सौदा साबित नहीं होगा।
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पुराना है विवादों से नाता: सिद्धू ने 2014 लोकसभा चुनावों में अमृतसर सीट से लड़ने से मना कर दिया था। जिसके बाद अरुण जेटली को उम्मीदवार बनाया गया, जो कि कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गए। लेकिन अप्रैल में उन्हें भाजपा ने राज्यसभा सांसद नामित किया, तब सबको लगा कि पंजाब में सिद्धू की राजनीति खत्म हो चुकी है। शपथ लेने के कुछ ही दिन बाद, सिद्धू ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह भाजपा के शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। सिद्धू ने यह भी कहा था कि वह पार्टी के लिए पूरे देश में कहीं भी प्रचार कर लेंगे, मगर पंजाब में नहीं आएंगे। उन्होंने यह भी इशारा किया था कि अगर भाजपा राज्य में अकाली दल के साथ गठबंधन नहीं तोड़ती तो भाजपा विधायक और उनकी पत्नी, नवजोत सिंह सिद्धू भी अगले साल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी।