रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने उमर अब्दुल्ला और फारुख अब्दुल्ला से मुलाकात की। अब खबर आयी है कि सोमवार को पीडीपी का भी एक प्रतिनिधिमंडल अपनी पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती से मुलाकात करेगा। बीती 21 अगस्त को मुफ्ती परिवार ने स्थानीय पुलिस को एक पत्र लिखकर महबूबा मुफ्ती से मिलने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इसकी इजाजत नहीं दी गई थी। अब जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पीडीपी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को पूर्व सीएम से मिलने की इजाजत दे दी है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद, रविवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी के नजरबंद अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की और राज्य के घटनाक्रम और स्थानीय निकाय के चुनाव पर चर्चा की। बता दें कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल को नजरबंद नेताओं से मिलने की इजाजत दी थी।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई पार्टी के जम्मू संभाग के प्रमुख देवेंद्र सिंह राणा ने की। प्रतिनिधिमंडल ने हरि निवास में नजरबंद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ करीब 30 मिनट तक बैठक की। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटा दिए गए थे और उसी दिन उमर अब्दुल्ला को नजरबंद कर दिया गया था।
उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी के बाद यह पार्टी नेताओं के साथ उनकी पहली बैठक है। उमर ने पार्टी नेताओं के साथ सेल्फी भी ली जिसमें वह दाढ़ी में नजर आ रहे हैं। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल फारूक अब्दुल्ला के घर गया।
बैठक के बाद राणा ने पत्रकारों से कहा कि कोई भी राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने के लिए पार्टी नेताओं को रिहा किया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि घटनाक्रम को लेकर खासकर नेताओं को कैद करने को लेकर लोगों में नाराजगी है। हम एक पार्टी के तौर पर अपील करते हैं कि जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने तथा लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए सभी राजनीतिक कैदियों, चाहे वे मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी के हों या अन्य हों और उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं हो, उन्हें छोड़ा जाना चाहिए, ताकि जम्मू कश्मीर के लोगों के दिलों को जीता जा सके।