नगालैंड की विधानसभा में 58 साल में पहली बार राष्ट्रगान बजाया गया है। बताया गया है कि इस साल 12 फरवरी को 13वीं विधानसभा के सातवें सत्र की शुरुआत में राज्यपाल आरएन रवि के अभिभाषण से ठीक पहले और अंत में राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। बता दें कि 1 दिसंबर 1963 में नगालैंड को राज्य का दर्जा सौंपा गया था, इसके बाद से ही कभी विधानसभा में राष्ट्रगान नहीं बजा था।
नगालैंड विधानसभा में राष्ट्रगान बजने की घटना अपने आप में ऐतिहासिक कही जा रही है। अभी यह साफ नहीं है कि किसी विधायक ने जन गण मन… की पंक्तियों को गाया या नहीं, पर सभी ने राष्ट्रगान बजने के दौरान इसे खड़े होकर सम्मान दिया। नगालैंड के स्पीकर शरिंगेन लोंगकुमर ने बताया कि विधानसभा में राष्ट्रगान बजाने का फैसला उनका था और इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो की सहमति ली गई थी।
Pl see the video below. At first glance, perfectly normal scene, right? But you will be amazed, like I was, to know that this was for the first time that the National Anthem was played in the Nagaland Assembly. Just for the record, Nagaland became a State on 1 December 1963 pic.twitter.com/70s6Q20d1N
— Nitin A. Gokhale (@nitingokhale) February 19, 2021
स्पीकर ने बताया कि इस बार हम गवर्नर के स्वागत के लिए नई तरह से कार्यवाही बढ़ाना चाहते थे। चूंकि वे संवैधानिक प्रमुख हैं, इसलिए उनका स्वागत हमेशा राष्ट्रगान से ही होना चाहिए। स्पीकर ने उम्मीद जताई कि यह राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान यह परंपरा आगे भी बनी रहेगी।
अनिवार्य नहीं है राष्ट्रगान को बजाना: बता दें कि देश में पहली बार 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान बजाया गया था, जब संविधान को लागू किया गया और संविधान सभा को अनिश्चिकाल के लिए स्थगति कर दिया गया था। इसके बाद से ही विधानसभाओं में भी यह परंपरा बन गई। हालांकि, संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप कहते हैं कि ऐसा करना कोई अनिवार्य कार्य नहीं है। पर मौलिक जिम्मेदारियों में कहा गया है कि राष्ट्रगान का सम्मान किया जाना चाहिए।