लांस नायक हनमनथप्‍पा को धारवाड़ में शुक्रवार (12 फरवरी) को अंतिम विदाई दी गई। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।सियाचिन में छह दिन बर्फ में दबे रहने के बावजूद जिंदा निकाले गए लांस नायक हनमनथप्‍पा 11 फरवरी को जिंदगी की जंग हार गए थे। उन्‍होंने 11.45 बजे दिन में आखिरी सांस ली। ले. जनरल एसडी दुहान ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि कैसे उन्‍हें हर कोशिश के बावजूद नहीं बचाया जा सका। उन्‍होंने बताया कि जब 9 फरवरी को उन्‍हें आरआर हॉस्पिटल लाया गया था तब उनके शरीर का तापमान सामान्य था। पर दिल की धड़कन तेज थी और ब्लडडप्रेशर लो था।

उनके शरीर के अंगों को 5-6 दिन से ब्लड सप्लाई नहीं मिली थी। मद्रास रेजिमेंट के 33 वर्षीय सैनिक के परिवार में उनकी पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और 18 महीने की एक बेटी नेत्रा कोप्पड हैं। सियाचिन के इस जांबाज सैनिक का अंतिम संस्कार शुक्रवार को धारवाड़ स्थित उनके पैतृक गांव में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। कर्नाटक के धारवाड़ के बेटादूर गांव के रहने वाले कोप्पड 13 वर्ष पहले सेना से जुड़े थे।

लांसनायक हनुमंतप्पा को दिल्ली में बरार स्क्वायर पर श्रद्धांजलि दी गई। इस बीच दिल्ली में बरार स्क्वायर पर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, रक्षा राज्‍यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग, नौसेना प्रमुख रॉबिन के धोवन, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा, दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया, कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी समेत कई ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनकी मां और पत्‍नी भी यहां मौजूद थीं।

इसके बाद शहीद लांस नायक हनमंतप्पा का पार्थिव शरीर गुरुवार रात यहां हुबली ले जाया गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी एच के पाटिल और विनय कुलकर्णी के साथ शव को लेने एअरपोर्ट गए। उनके साथ विधानसभा में विपक्ष के नेता जगदीश शेट्टार और कई अन्य लोग भी पहुंचे थे। कर्नाटक सरकार ने शोकाकुल परिवार के लिए 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि घोषित की है।