मुंबई के दरिया में हुए बोट एक्सिडेंट में कुल 13 लोगों ने जान गंवाई है। इन 13 लोगों में एक दंपत्ति और उनका पांच साल का बच्चा भी शामिल है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में जान गंवाने वाले राकेश अहिरे दो दिन पहले ही अस्थमा के इलाज के लिए नासिक से मुंबई आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी हर्षदा और उनका पांच साल का बेटा निधेश भी था। राकेश हादसे वाले दिन अपनी पत्नी और बच्चे के साथ गेट-वे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप के लिए नाव में सवार हुए थे। इस नाव के भारतीय नेवी के एक जहाज ने टक्कर मार दी, जिस वजह से यह हादसा हो गया। हादसे में राकेश, उनकी पत्नी हर्षदा और बेटे निधेश की मौत हो गई।
राकेश के एक रिश्तेदार ने पीटीआई को बताया कि वह नासिक के पिंपलगांव बसवंत के रहने वाले थे और अपना अस्थमा का इलाज करवाने के लिए मुंबई आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी और बच्चा भी मुंबई आया था। ये तीनों दो दिन पहले ही मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि बुधवार को वे गेटवे ऑफ इंडिया से नील कमल फेरी में सवार हुए। ये उन्हें एलीफेंटा ले जा रही थी। उन्होंने बताया कि इन तीनों का अंतिम संस्कार गुरुवार को नासिक में होगा।
हादसे के तथ्यों को पता लगाने के लिए नेवी ने किया ‘जांच बोर्ड’ का गठन
इंडियन नेवी ने इस हादसे के तथ्य पता लगाने के लिए गुरुवार को ‘जांच बोर्ड’ का गठ किया। इस दुर्घटना में नेवी के एक जवान सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी। नेवी ने बताया कि हादसे वाली जगह के आसपास के एरिया में 18 से 19 दिसंबर की रात तक खोज एवं बचाव प्रयास जारी रहे।
नेवी के मुताबिक, नाव से दो लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं और इस संबंध में नेवी के आठ जहाजों और एक हेलीकॉप्टर द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। नेवी ने बताया, “मामले से जुड़े तथ्यों का पता लगाने के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।”
किस कारण हुआ हादसा?
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, इंजन परीक्षण से गुजर रहा नेवी का एक जहाज बुधवार को नियंत्रण खो बैठा और मुंबई के करंजा के पास पैसेंजर बोट ‘नील कमल’ से टकरा गया। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई और जबकि दो घायल हए गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कुल 98 लोगों को बचाया गया, हालांकि दो लोग अब भी लापता हैं।
