नाासा ने चंद्रमा पर इंसान को भेजने के अपने अभियान के लिए भारतवंशी राजा जॉन वुरपुतूर चारी सहित 18 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है। राजा जॉन समेत सभी अंतरिक्ष यात्रियों को नासा अपने ‘आर्टमिस’ चंद्र अभियान के लिए प्रशिक्षित करेगा। चारी (43) ‘यूएस एअर फोर्स एकेडमी, एमआइटी’ और ‘यूएस नवल टेस्ट पायलट स्कूल’ से स्नातक हैं, और इस सूची में वह भारतीय मूल के एकमात्र अंतरिक्ष यात्री हैं। 2024 में चांद की सतह पर उतरने वाला यह पहला चंद्र अभियान होगा, जिसमें पहली महिला अंतरिक्ष यात्री के साथ ही पहला भारतवंशी भी चांद की सतह पर चहलकदमी करेगा।

नासा ने उन्हें 2017 ‘एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट क्लास’ के लिए चुना था। अगस्त 2017 में वह इसमें शामिल हुए थे और अपना शुरुआती प्रशिक्षण पूरा किया। अब वह अभियान के लिए पूरी तरह तैयार हैं। राजा जॉन वुरपुतूर चारी के पिता श्रीनिवास चारी का परिवार मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है। चारी को जब नासा ने 2017 के जून में चुना था, तब वह अमेरिकी एअर फोर्स में कर्नल थे। उस समय उनके पास एफ-35, एफ-15, एफ-16 और एफ-18 जैसे फाइटर जेट उड़ाने का 2,000 घंटों से ज्यादा का अनुभव था। इसमें इराक मुक्ति अभियान और कोरियाई प्रायद्वीप के आॅपरेशन में एफ-15ई उड़ानें का अनुभव भी शामिल है। राजा चारी के मुताबिक, उनकी परवरिश और उनकी शिक्षा पर उनके पिता का बहुत ही ज्यादा प्रभाव रहा है।

राजा चारी अमेरिका में इओवा के सीडर फॉल्स के रहने वाले हैं और वे अमेरिकी एअर फोर्स अकादमी से एअरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और इंजीनियरिंग साइंस में स्नातक हैं। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी से मास्टर डिग्री लेने के साथ ही मैरिलैंड में अमेरिकी नेवल टेस्ट पायलट स्कूल से भी स्नातक किया है। वे 461वें फ्लाइ टेस्ट स्क्वाड्रन में कमांडर और कैलिफोर्निया स्थित एडर्वा एअरफोर्स बेस में एफ-35 इंटिग्रेटेड टेस्ट फोर्स के निदेशक भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी का नाम होली स्कैफ्फटर चारी है जो सीडर फॉल्स की ही मूल निवासी हैं। चारी दंपति के तीन बच्चे हैं।

राजा चारी की मां पेग्गी चारी आज भी इओवा के सीडर फॉल्स में रहती हैं। राजा चारी की पूरी शिक्षा-दीक्षा उनके पिता श्रीनिवास चारी से प्रभावित है। श्रीनिवास चारी बहुत ही युवा अवस्था में एक इंजीनियरिंग डिग्री के लिए हैदराबाद से अमेरिका गए थे। उन्होंने अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त की और उनका करिअर भी बहुत ही कामयाब रहा।

राजा चारी समेत अंतिम रूप से चांद पर जाने के लिए चुने गए सभी 18 अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्र अभियान से जुड़े कई प्रशिक्षण पहले मिल चुके हैं। चारी स्पेसवॉकिंग (अंतरिक्ष में चहलकदमी), रोबोटिक्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प्रणाली, टी-38 जेट प्रोफिशिएंसी और रूसी भाषा का प्रशिक्षण पहले ही ले चुके हैं। वे अंतरिक्ष यान बनाने में सहायता करेंगे और मौजूदा जो टीम अभी अंतरिक्ष में है उनकी भी मदद करेंगे और आखिरकार 2024 के चंद्र अभियान के लिए तैयार होंगे, जिसका अगला लक्ष्य मंगल पर इंसान को उतारना है।