नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा और महाराष्ट्र में चार अक्तूबर से भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करेंगे वहीं पार्टी ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के प्रयासों के तहत विधानसभा चुनावों में सुशासन और विकास के मुद्दों पर जोर देने का फैसला किया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और एम वेंकैया नायडू भी दोनों राज्यों में पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगे। भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए पार्टी के चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हुए चार से 13 अक्तूबर के बीच चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे। वे अपने अभियान के पहले दिन हरियाणा के करनाल में एक रैली को संबोधित करेंगे और महाराष्ट्र के कोल्हापुर, बीड़ और मुंबई में भी तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रचार में शामिल होंगे। वे इन दोनों राज्यों में तीन से पांच दिन तक चुनाव प्रचार करेंगे। इन राज्यों में भाजपा का जोर कांग्रेस के कुशासन को रेखांकित करने और लोगों को सुशासन मुहैया कराने और विकास पर होगा। नकवी ने कहा कि हमारा लक्ष्य दोनों राज्यों में कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति पाना और भाजपा के सुशासन का स्वर्णिम दौर स्थापित करना है। हमारा मुख्य एजंडा सुशासन और विकास है।
पार्टी ने दोनों राज्यों में मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए एक नारा ‘चलो चलें मोदी के साथ’ उछाला है। नकवी ने आरोप लगाया कि पिछले 15 साल के दौरान कांग्रेस और राकांपा के कुशासन के कारण महाराष्ट्र में विकास पिछड़ रहा है और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई भ्रष्टाचार और कुशासन के कारण अब आर्थिक संकट का सामना कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसान परेशानी का सामना कर रहे हैं, युवा असहाय और बेरोजगार हैं और कारोबार व उद्योग बदहाली में हैं। नकवी ने आरोप लगाया कि हरियाणा एक खुला उदाहरण है जहां लुटेरों को बख्श दिया गया है और घोटालों में शामिल लोग फल-फूल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मोदी हरियाणा में दस और महाराष्ट्र में करीब 24 रैलियों को संबोधित करेंगे। दोनों राज्यों में 15 अक्तूबर को मतदान होना है और चुनाव प्रचार 13 अक्तूबर को खत्म हो जाएगा।
नकवी ने कहा कि हम हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में अपने दम पर सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त हंै क्योंकि इन राज्यों के लोग भाजपा के पक्ष में हैं, जिसने विकास के लिए प्रतिबद्ध स्थिर और अच्छी सरकार मुहैया कराने का वादा किया है। भाजपा हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है जबकि महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 257 पर उसने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। पुरानी सहयोगी शिवसेना से अलग होने के बाद शेष 31 सीटों पर उसके छोटे सहयोगी दलों के उम्मीदवार मैदान में होंगे।
भाजपा नेता नकवी ने बताया कि चुनावी रैलियों के अलावा घर-घर जाकर और पारंपरिक तरीकों से भी चुनाव प्रचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्र स्तर पर हमारे कार्यकर्ता यह भी तय करेंगे कि अधिक मतदान हो। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख शाह दोनों राज्यों में पांच-पांच दिन चुनाव प्रचार करेंगे। गृह मंत्री राजनाथ सिंह हरियाणा में चार दिन और महाराष्ट्र में पांच दिन चुनाव प्रचार करेंगे।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हरियाणा में पांच दिन और महाराष्ट्र में तीन दिन चुनाव प्रचार करेंगी। केंद्रीय मंत्री नायडू हरियाणा में दो दिन और महाराष्ट्र में चार दिन प्रचार करेंगे जबकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सिर्फ महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार करेंगे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर भी चुनाव प्रचार में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा-वरिष्ठ नेता आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी महाराष्ट्र और हरियाणा में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में दस में से सात सीटों पर जीत मिली थी और उसे 35 फीसद मत मिले थे। महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगियों को 50 फीसद मत मिले थे और राज्य की कुल 48 में से 44 सीटों पर गठबंधन को कामयाबी मिली थी। भाजपा को 23 सीटों पर जीत मिली थी।