प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस्राइल की यात्रा पर जाएंगे और वह इस यहूदी देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जिसके साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में प्रगति हो रही है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मोदी की यात्रा के लिए कोई तारीख तय नहीं की गयी है और यह परस्पर सुविधाजनक तारीख में होगी। सुषमा ने बताया कि इस साल वह भी फलस्तीन और जॉर्डन के अलावा इस्राइल जाएंगी।

भारत ने 1992 में इस्राइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थपित किये थे। किसी भारतीय प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति ने कभी उस देश का दौरा नहीं किया। साल 2003 में तत्कालीन इस्राइली प्रधानमंत्री एरियल शेरोन भारत की यात्रा पर आने वाले उस देश के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्हें द्विपक्षीय संबंधों को रक्षा और व्यापार सहयोग से आज के रणनीतिक संबंधों तक विस्तार देने का श्रेय दिया जाता है।

सुषमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘जहां तक मेरी यात्रा की बात है, वह इस साल होगी। मैं इस्राइल, फलस्तीन और जॉर्डन जाऊंगी। जहां तक प्रधानमंत्री की यात्रा की बात है तो वह इस्राइल जाएंगे। तारीख अभी तय नहीं हुई हैं। आपसी सुविधा के अनुसार तारीख तय की जाएगी।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘फलस्तीन के प्रति भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं है।’’

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लालकृष्ण आडवाणी ने गृह मंत्री के रूप में इस्राइल की यात्रा की थी। जसवंत सिंह और एस एम कृष्णा भी विदेश मंत्रियों के रूप में यहूदी राष्ट्र की यात्रा कर चुके हैं। हाल ही में गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी इस्राइल गये थे।

सुषमा ने इस्राइल को मित्र देश बताते हुए कहा कि भारत ने कभी फलस्तीनियों के हितों को कमजोर नहीं होने दिया और वह इसका समर्थन करता रहेगा। जब सुषमा से पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री ईरान जाएंगे तो उन्होंने कहा कि अभी तक इस तरह का कोई कार्यक्रम नहीं बना है लेकिन वह इस साल के अंत में जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने तुर्की यात्रा पर जाएंगे। सुषमा ने कहा कि वह इस साल ईरान जाएंगी और गुट निरपेक्ष आंदोलन के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगी।

अनेक देशों से संपर्क के सरकार के प्रयासों पर बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जब ब्रिक्स के सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जाएंगे तो तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान और ताजिकिस्तान समेत पांच मध्य एशियाई देशों की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘विदेश नीति का अहम तरीके से प्रसार हुआ है। हमने काफी कुछ हासिल किया है।’’