प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (27 जून) को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के घोटाले की जांच में किसी तरह के प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की बात को खारिज कर दिया और कहा कि जांच एजेंसियां पेशेवर तरीके से काम करेंगी, जो भी नाम आएं, देखते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि एक ‘पाप’ किया गया और उसके पीछे जो लोग थे उन पर बड़ा सुरक्षा आवरण रहा। उन्होंने टाइम्स नाउ से कहा, ‘अगस्ता हेलीकॉप्टर का मामला। मैं इससे इनकार नहीं कर सकता और मेरा मानना है कि हमें यह संदेह करने का अधिकार है कि इसके पीछे जो लोग थे बहुत अनुभवी हैं।’

मोदी ने कहा, ‘उन्होंने गलत काम करने की कला का सही से अभ्यास किया है। वे बहुत अनुभवी और ज्ञानी हैं। और इस बात का भी अंदाज लगाया जा सकता है कि ऐसी चीज बिना बड़े संरक्षण के नहीं होती। अब एजेंसियां जांच कर रहीं हैं। देखते हैं कि जांच कितनी दूर जाती है।’ प्रधानमंत्री से साक्षात्कार में पूछा गया था कि क्या किसी तरह की राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से जांच हो रही है। उन्होंने कहा, ‘किसी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। ना ही मेरी सरकार यह करती है।’

मोदी ने कहा, ‘एक पाप किया गया। यह कैसे किया गया, किसने किया और कितना किया। जांच एजेंसियां पेशेवर तरीके से यह पता लगाएंगी। जो भी नाम आएं, देखते हैं।’ रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के बारे में मोदी ने कहा, ‘कई चीजें दिखायी नहीं पड़तीं। मैं धूल में से चीजें निकालने में जिन कठिनाइयों का अनुभव कर रहा हूं, उसकी कल्पना की जा सकती है। वहां काम कर रहे लोग जानते हैं कि कितनी धूल है। इसके पीछे कुछ ताकतें हैं।’

जीएसटी विधेयक के संदर्भ में मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया है। हालांकि उन्होंने विश्वास जताया कि राज्यसभा में बन रहे गणित से विधेयक को जल्द पारित कराया जा सकेगा। उन्होंने कहा, ‘जीएसटी गरीब जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यों के लिए लाभकारी है क्योंकि उन राज्यों को जीएसटी से सर्वाधिक आर्थिक फायदा होगा। इसलिए ममता बनर्जी हों या नीतीश कुमार हों, अखिलेश यादव हों या नवीन पटनायक हों, ये सभी राज्य जल्द से जल्द जीएसटी विधेयक को पारित कराना चाहते हैं।’

मोदी ने कहा, ‘केवल एक समूह है जिसने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। अब जो समीकरण बन रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि गरीबों के पक्ष में यह फैसला होगा।’ उन्होंने कहा कि इस बात का जवाब केवल कांग्रेस दे सकती है कि उसने विधेयक को प्रतिष्ठा का विषय क्यों बना लिया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई बातचीत का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने सारे प्रयास किये और प्रत्येक स्तर पर बातचीत की।

उन्होंने कहा, ‘लेकिन इस सबके बावजूद, मैं प्रयास करता रहूंगा। जिस तरह से उन्हें मनाना संभव हो, मैं उन्हें उस तरीके से मनाने के लिए तैयार हूं। अगर मुझे किसी को उनके घर पर चाय पर जाकर मनाना होगा तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मेरा उद्देश्य केवल मेरे देश के गरीबों का कल्याण करना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के गरीबों का भला करना है।’

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनावों और इसमें किसी तरह का सांप्रदायिक एजेंडा नहीं होने की बात सुनिश्चित करने के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास पर ध्यान केंद्रित होगा और इसी रास्ते से देश प्रगति करेगा। उन्होंने कहा, ‘यह मेरा संकल्प है, यह मेरी प्रतिबद्धता है। आपने 2014 के चुनावों में देखा होगा कि मैं विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा। देश की नयी पीढ़ी केवल विकास पर भरोसा करती है। मेरा मानना है कि सभी समस्याओं का समाधान विकास में है।’

सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले लोगों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया को ऐसे बयान देने वालों को हीरो नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘उन्हें हीरो मत बनाइए, वे रुक जाएंगे। आप उन्हें इतना बड़ा क्यों बनाते हैं। मैं टीवी पर ऐसे लोगों के बयान सुनता हूं, जिनके मैंने चेहरे भी नहीं देखे और वे टीवी पर प्रवक्ता बन जाते हैं।’ संसद में अवरोध के कारण कई समस्याएं पैदा होने की बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि 60 साल तक सत्ता में रही पार्टी एक नये विपक्षी दल की तरह बर्ताव नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, ‘कोई पार्टी जो सत्ता में नहीं रही हो या जिसने कुछ नहीं देखा हो, वह इस तरह से बर्ताव कर सकती है। उदाहरण के लिए हम अब सत्ता में हैं और मानें कि अगर 2040 में हम विपक्ष में होंगे तो हम 2009 या 2010 जैसा व्यवहार नहीं कर सकते।’