पेरिस में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई दो मिनट की मुलाकात पर अटकलों का बाजार गर्म है। नई दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक न्यूज चैनल और अखबार मोदी-नवाज मुलाकात पर अलग-अलग तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं और अपने-अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं। भारतीय मीडिया का एक वर्ग इसे रिश्तों में ‘क्लाइमेट चेंज’ के तौर पर देख रहा है तो पाकिस्तान में भी इस मुलाकात को सकारात्मक कदम बताया जा रहा है। खुद पाकिस्तान के पीएम ने मुलाकात को ‘गुड’ बताया है। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बातचीत को सामान्य शिष्टाचार कहा। मुलाकात पर चुटकी लेने वालों की भी कमी नहीं है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मोदी-नवाज मुलाकात को ’60 सेकेंड की सेल्फी’ करार दिया है। वहीं, पाकिस्तान के एक पत्रकार ने नवाज पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी तो कुछ कह नहीं पाए, बस मोदी की ही सुनते रहे। आइए जानते हैं, मोदी-नवाज की मुलाकात पर ऐसे ही रोचक विश्लेषण और कुछ खास फैक्ट्स।
पाकिस्तान में आतंकवाद पर शरीफ ने जताई चिंता: पाकिस्तानी थिंक टैंक के प्रतिनिधि शकील रमय ने कहा, ‘मैंने पेरिस में शरीफ से सवाल पूछा तो उन्होंने बताया कि मोदी ने पहल की और परस्पर सहयोग के बारे में बातें कीं।’ बकौल शकील पाकिस्तान के पीएम ने मोदी से कहा, ‘पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को लेकर हमारी चिंताएं हैं और हमें इस पर बात करनी चाहिए। यह दो मिनट से भी कम की दोस्ताना बातचीत थी। इस दौरान किसी अहम मुद्दे पर बात नहीं हुई।’
अचानक टकरा गए मोदी-शरीफ: अखबार ‘लीड-पाकिस्तान’ के प्रमुख अली तौकीर शेख ने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि मोदी-नवाज अचानक एक-दूसरे से टकरा गए। उनके पास बच निकलने का विकल्प नहीं था। इसे कोई बड़ा ‘ब्रेक थ्रू’ नहीं कहा जा सकता है।’
मोदी ने की पहल: ‘डॉन’ के साथ बातचीत में पाकिस्तान के अफसर ने बताया कि वह पेरिस में मीटिंग के दौरान मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि बातचीत को लेकर मोदी ज्यादा उत्सुक थे। उन्होंने ही हमारे प्रधानमंत्री को एप्रोच किया था।
सहिष्णुता का सबसे बड़ा उदाहरण: शिवसेना के नेता संजय राउत ने शरीफ-मोदी मुलाकात को सहिष्णुता का सबसे बड़ा उदाहरण बताया है। राउत ने कहा, ‘अगर हमारे पीएम उस देश के प्रधानमंत्री से मिलते हैं, जहां भारत विरोधी नारे लगते हैं और भारत विरोधी गतिविधियां चलती हैं तो मुझे नहीं लगता कि सहिष्णुता का इससे बड़ा उदाहरण और कुछ हो सकता है।
हाथ मिलाने तक रखें रिश्ते: भारत के रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने मोदी-नवाज के बीच दोस्ताना बातचीत को अच्छा बताया है, लेकिन उनका मानना है कि पाकिस्तान के साथ दि्वपक्षीय वार्ता नहीं करनी चाहिए।
क्या बोले पूर्व कानून मंत्री?: पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, ‘हमें पता नहीं था कि मोदीजी से नवाज शरीफ से मिलने जा रहे हैं। मेरा मानना है कि इस प्रकार की बातचीत से पहले राजनीतिक सहमति ली जानी चाहिए थी।’
देखिए, मोदी-शरीफ मुलाकात का वीडियो
Video: PM Modi meeting his Pakistani counterpart Nawaz Sharif at sidelines of Paris conference pic.twitter.com/Mxe7UAN8rB
— Eagle-eye (@cbinewton) November 30, 2015
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